भारत को यदि वैश्विक पटल पर अपनी भूमिका का निर्वाह करना है, तो स्पष्ट है कि हम विश्व स्तरीय हों भी. 21 वीं शती के उत्तरार्ध तक आते आते विश्व एक knowledge world में परिवर्तित हो चुका होगा और जो भी देश इस मापदण्ड पर सफल होंगे, उनका ही लीग विश्व के अन्य देशों को लीड करेगा.
Knowledge world से तात्पर्य है कि सूक्ष्म से सूक्ष्म और स्थूल से स्थूल प्रोडक्ट पर knowledge (ज्ञान) की स्पष्ट छाप दिखेगी. और भारत की वर्तमान तैयारी उसे अगले 200 वर्षों में कहीं नहीं पहुंचाएगी.
भारत को भ्रस्टाचार नाम का जो प्रेत पकड़े है उसकी भी मुक्ति का साधन इसी ज्ञान में है और हम उसका समाधान ढूंढ रहे हैं CVC, Anti Corruption Cell और IPC की धाराओं में - क्या इसमे कोई कमी आयी या उत्तरोत्तर ये बढ़ा ही?