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ताकि जश्न की चमक को फीका न करें ओमिक्रान

नया साल आने वाला है, ऐसे में लोग पुराने साल को अलविदा कहने और नए साल के स्वागत का अनोखा तरीका अपनाते हैं। इसके लिए लोग बाहर घूमना और पार्टी करना भी पसंद करते हैं लेकिन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के आने से हर जगह पाबंदियां लगी हुई है। सुरक्षा के लिहाज से भीड़भाड़ वाली जगह से दूर रहना बेहतर होगा। ऐसे में नए साल के स्वागत में कुछ खास आइडिया पर चर्चा करेंगे जो आपके शाम और दिन को यादगार बना देगा। 

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#पीपीई मॉडल पर एक साथ काम कर के सरकारी और निजी हेल्थकेयर सेक्टर चमत्कार कर सकते हैं: उपासना अरोड़ा

New Delhi: स्वास्थ्य 4.0 को डिकोड करने और स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल परिवर्तन के मार्ग में चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से होटल हयात, नई दिल्ली में आज एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीमती उपासना अरोड़ा, निदेशक यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कौशाम्बी, गाजियाबाद ने इस तीसरे हेल्थटेक इनोवेशन कॉन्क्लेव में अन्य स्वास्थ्य सेवा दिग्गजों के बीच प्रख्यात पैनलिस्ट के रूप में बात की।

श्रीमती उपासना अरोड़ा ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा छेत्र के वरिष्ठ प्रबंधकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम स्वास्थ्य सेवा में तकनीकी व इलेक्ट्रॉनिक विकास के बारे में बात करना चाहते हैं तो हमें ग्रामीण स्तर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर से शुरू होने वाले आम लोगों की बहुत ही बुनियादी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को संबोधित करना शुरू करना होगा। उन्होंने बुनियादी स्तर पर एक बहुत मजबूत प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया जो नवीनतम तकनीक और सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों से लैस हो। कोविड -19 स्थिति का उदाहरण लेते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण या अर्ध शहरी स्तर पर कई कोविड -19 आरटीपीसीआर परीक्षण प्रयोगशालाएँ उपलब्ध नहीं थीं, इसलिए शहरी बड़े अस्पतालों पर बड़ा बोझ पड़ रहा था और साथ ही रोगियों को भी लंबी दूरी की यात्रा करने की वजह से नुकसान उठाना पड़ा ।

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स्पंदन :भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि एवं भारतीय सैन्य बल का प्रदर्शन VIPS के मीडिया छात्रों द्वारा

29 और 30 नवम्बर को विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज, इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय के पत्रकारिता व् जनसंचार निकाय ने मनाया मीडिया का वार्षिक महोत्सव , जहां 2020  में कोरोना के कारण श्रृंखला ऑनलाइन माध्यम पर केंद्रित रहीं ,वहीं इस वर्ष ऑनलाइन और ऑफलाइन के सही मापदंड ने स्पंदन को छात्रों के लिए और दार्शनिक बनाया 

उत्सव की शुरुआत  मीडिया पंचायत से हुई जहाँ , खुर्रम रज़्ज़ा ,वंदना सिंह और सुभाष सेथिआ के साथ निकाय की डीन डॉ चारुलता सिंह और चेयरपर्सन प्रोफ सिद्धार्थ मिश्रा ने बदलते दौर में मीडिया के परिवर्तन पर अपनी बात रखी वहीं मूल विषय मीडिया और राष्ट्र निर्माण के 75 वर्ष को भी अपने वक्तव्य से सार्थक बनाया , सवाल जवाब के मंथन और माँ सरस्वती की वंदना   के साथ शुभारंभ  हुआ स्पंदन 2021 का  

जहां कला ,समाज कल्याण और मनोरंजक गतिविदियों के विभिन्न आयोजन व प्रतियोगिताएं के संकलन के साथ तृतीय वर्ष के छात्रों ने अपनी कार्य शैली और कर्त्ता भाव को एक नए आयाम पर प्रदर्शित किया ।

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डायबिटीज शुरू होने के कई लक्षण आरम्भ में दिखने लगते हैं जिन्हें हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए: डॉ अमित छाबड़ा

गाज़ियाबाद: गाँव से शहर की तरफ भागने की इस दौड़ में हम शहरी सुख सुविधाओं और उन्नत तकनीकी का लाभ तो उठा पा रहे हैं लेकिन इस भाग दौड़ के जीवन में अव्यवस्थित जीवनशैली और तनाव की वजह से ग्रामीण आबादी की तुलना में शहरी आबादी में डायबिटीज के रोगी ज्यादा मिलते हैं।  इस बीमारी को रोकने के लिए न केवल जागरूकता बल्कि लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है.  आईडीएफ यानी इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन हर साल वर्ल्ड डायबिटीज डे के लिए एक थीम चुनता है और 2021 के लिए उनका मेन फोकस है. "डायबिटीज केयर तक पहुंच: यदि अभी नहीं, तो कब?" है ।  

इस अवसर पर आज आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित छाबड़ा मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी , जिसे फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रसारित भी किया गया ।  उन्होंने कहा बच्चों, युवाओं , प्रौढ़ एवं बुजुर्गों सभी आयु वर्ग में मधुमेह अब विश्व में बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. भारतीय युवा आबादी में डायबिटीज के काफी रोगी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मधुमेह बीमारी में जागरूकता एवं बचाव की सबसे अहम भूमिका है क्योकि मधुमेह का नियंत्रण तो किया जा सकता हैं, पर इसे जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता।  डाइबिटीज को अगर नियंत्रित ना किया जाये, तो इसका असर किडनी (गुर्दा), आँख, हृदय तथा ब्लड प्रेशर पर पड़ता हैं. डायाबिटिज की बीमारी में शरीर में ब्लड शुगर  की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में हार्मोन इन्सुलिन की कमी हो जाती है या इन्सुलिन का शरीर की क्रियाओं के साथ संतुलन बिगड़ जाता है।

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दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा से होंगे समृद्ध

जगमगाते दीयों से रोशन दिवाली खुशियों की सौगत आ गयी है, दिवाली पर लक्ष्मी पूजन से आप न केवल समृद्ध होंगे बल्कि सुख-शांति भी बनी रहेगी। 

जाने दिवाली के बारे में 

कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दीवानी मनायी जाती है। इस साल दिवाली 4 नवंबर 2021 को पड़ रही है। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजन का खास महत्व होता है। देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त बहुत पहले से इसकी तैयारी करने लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात में लक्ष्मी माता धरती पर आती हैं। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा हमेशा स्थिर लग्न में होती है। ज्योतिष में वृष और सिंह लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा स्थिर लग्न में करने से घर में उनका स्थायी निवास बन जाता है। इसलिए स्थिर लग्न और प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का खास महत्व है।