कोरोना संकट के दौरान मानसिक तनाव से रहें मुक्त, मिलेगी राहत

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कोरोना महामारी ने ना सिर्फ पूरी दुनिया में लॉकडाउन का माहौल तैयार किया बल्कि  विश्व में सभी वर्ग के लोगों के उपर मानसिक दबाव भी बढ़ाया है। इस महामारी के साथ - साथ इसका डर भी  उतनी ही तेजी से फ़ैल रहा है । कोरोना महामारी का यह व्यापक रूप चिंता, डर और तनाव का कारण बन रहा है। कोरोना सिर्फ शारीरिक बीमारी के तौर पर महामारी नहीं लाया, बल्कि यह मानसिक महामारी को ओर भी बढ़ रहा है। ऐसे में ये जरूरी है कि कोरोना के डर को मन से निकाल दिया जाए। यही डर और चिंता मनुष्य पर इतना दबाव डालने के लिए काफी है जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार पड़ सकता है।

इस विश्वव्यापी संकट की उत्पत्ति एवम् इसके इतने तेज़ी से फैलने का कारण भी मनुष्य जाति ही है। दुनिया भर में सभी लोग इस वक़्त एक जैसी मुश्किलों का सामना कर रहे है । इस महामारी से संक्रमित व्यक्ति को चिकित्सा के लिए अकेले रहना पड़ता है। इस महामारी से बचने के लिए यह आवश्यक है । परन्तु बीमारी से संक्रमित लोगो को अकेले रखने कि वजह से उनपर मानसिक दबाव बढ़ जाता है । ऐसे हालात में एक स्वस्थ  व्यक्ति का अपने आप को संभाल लेता है परन्तु एक बुज़ुर्ग और एक बच्चे पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है । बीमार व्यक्ति का ख्याल चिकित्सक कर्मी पूर्ण प्रकार से रख रहे है ।

परन्तु जब डर का माहौल तैयार होता है तो हर व्यक्ति के मन में शंका पैदा हो जाती है और एक छोटी सी शंका भी किसी इंसान की इच्छाशक्ति को तोड़ने में सफल हो सकती है। इस महामारी से लड़ने के लिए इच्छाशक्ति आवश्यक है। दूरी बनाए रखने से हम लोग इस बीमारी से शायद बच जाए पर उससे पड़ने वाले  मानसिक दबाव से नहीं बचा जा सकता । इस समय में हमें केवल संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखनी है। लेकिन अपने आप को लोगों से इतना दूर ना करे कि वापस लौटना मुश्किल हो जाए। ये समय किसी को भी अवसाद की स्थिति में भेज सकता है । इससे बचने के लिए आपको सही कदम उठाने की आवश्यकता है।

भागती दौड़ती ज़िन्दगी को भी इस महामारी के कारण रुकना पड़ गया है। इस महामारी ने हमें कुछ  समय दिया है जिसका इस्तेमाल सही तरह से किया जाए तो हम बीमारी और मानसिक तनाव दोनों से ही बच सकते है । उसके लिए हमें सिर्फ वर्तमान में जीना होगा ऐसी अस्थिर स्थिति में कोई नहीं जानता कि कल क्या होगा और उसके बारे में सोचना भी हमारी चिंता बड़ा देता है। इसलिए केवल वर्तमान में जिए। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक अपने आप को एक समय सारणी के साथ बांधना बिल्कुल सही होगा। जिसमे अपने परिवार वालों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त गुजारने का प्रयास करे।मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए भी हमें अपनी मानसिक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है जो सिर्फ आपके अच्छे स्वास्थ्य से बड़ाई जा सकती  है। जिसके लिए पौष्टिक भोजन ग्रहण करना भी आवश्यक है साथ ही साथ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम जरूर शामिल करें। अगर आप अकेले रहने वाले लोगो में से है तो  दिन में एक बार जरूर अपने दोस्तो या रिश्तेदारों से जरूर  बाते करें।

इस समय में लोगो की शारीरिक और मानसिक मेहनत आम दिनों के मुक़ाबले कम हो गई है। जिसका सीधा असर मनुष्य की नींद पर पड़ता है जो  एक बड़ी समस्या है। ठीक से नींद ना  लेना मनुष्य को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है सात से आठ घंटो की भरपूर  नींद ज़रूर लें। जब भी मुमकिन हो प्रकृति और सूर्य की रोशनी में जाएं। बच्चे और बुज़ुर्ग को अकेला ना छोड़ें बुजुर्गों के साथ रोज कुछ ना कुछ बात जरूर करें। उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप उनके साथ हैं। आजकल के समय में बढ़ते बच्चे अपनी ज़िन्दगी को पूरे तरीके से निजी रखना पसंद करते है । इस कारण वह अपना सारा  समय निजी चीजों पर खर्च करना पसंद करते हैं। इस वजह से वह परिवार वालों से ज्यादा जुड़े नहीं होते इसलिए  ऐसे समय में भी अपनी गोपनीयता बनाए रखना उनके लिए जरूरी सा है। अगर आप एक किशोर है तो आप इस अवस्था को ठीक प्रकार से समझ सकते हैं और यह आपका  कर्तव्य है कि आप अपना समय अपने परिवार को भी जरूर दे। लेकिन अगर आप एक माता-पिता है तो शायद आपको उनकी निजी चीजों को समझना  थोड़ा मुश्किल हो सकता है । लेकिन इस महामारी के दौर में उनके साथ समय बिताने की कोशिश करें । साथ बैठकर बोर्ड गेम्स खेलें। उन्हें अपने आप को समझाने का मौका दें और आप उन्हें समझने की भी कोशिश करें। इन सभी छोटे छोटे कदमों से आप और आपका परिवार मानसिक तनाव और चिंता से दूर रह सकता है।

मानसिक तनाव को दूर रखने के लिए और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए  योग ही एक ऐसा उपाय है जिससे आप यह सब लक्ष्य पा सकते हैं । अपनी दिनचर्या में योग को ज़रूर शामिल करे । बाल आसन,नटराज आसन,गोमुख आसन,सेतु बांध आसन, नमस्कार आसन एवं सुखासन जैसे आसन आपका स्वास्थ्य सही रखने में सक्षम साबित हो सकते हैं एवं इनसे मानसिक तनाव भी दूर रहता है। आपकी इच्छा शक्ति बढ़ाने का भी यह काम करते हैं एवं मानसिक रूप से भी आपको यह मजबूत बनाते हैं । समय बिताने के लिए आप अपना मनपसंद काम भी कर सकते हैं । जिनसे आपको खुशी और मानसिक शांति मिले जैसे चित्रकारी किताबें पढ़ना टीवी देखना आदि। अगर आपका ध्यान महामारी से हटकर इन कार्यों की तरफ होगा तो आप पर मानसिक तनाव का दबाव नहीं पड़ेगा और आप इस कठिन समय को भी खुश रह कर गुजार पाएंगे।

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