नई दिल्ली: वर्तमान की सूचना समाज में आम जीवन पर खबरों का प्रभाव समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है इसलिए ‘रणनीतिक संचार’ का महत्व प्रशासनिक रूप से अधिक है और जब बात लोक स्वास्थ्य की हो तो यह और भी प्रासंगिक है। यह कथन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में पूर्व मीडिया सलाहकार रहे श्री सत पाल जी के हैं जो उन्होने विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफ़ेशनल स्टडीज, नई दिल्ली में छात्रों से बात करते हुए कही।
छात्रों के बीच ‘रणनीतिक संचार’ के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि 'जब कोरोना की यह स्थिति सामने आई तो इस चुनौती का सामना करते हुए हम इतने परिपक्व और अभ्यस्त हो गए कि ’रणनीतिक संचार’ के समक्ष यह चुनौती नज़र नहीं आई।
सत पाल छात्रों से करोनो की महामारी के दौरान रणनीतिक संचार की कौशलता पर व्याख्यान दे रहे थे। यह व्याख्यान विवेकानंद स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा आयोजित 15 दिनों की ऑनलाइन समर ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रथम दिन हुआ था।