भारतीय खिलाड़ियों से हैं देशवासियों को उम्मीद

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टोक्यो ओलम्पिक में भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू की जीत ने शानदार पहल की है, अब सबकी निगाहें खेलों के महाकुंभ में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर टिकी हैं।

ओलंपिक 2020 इस बार जापान की राजधानी टोक्यो में हो रहा है। जिसमें दुनिया भर से 200 से भी ज्यादा देशों के हजारों एथलीट्स इन में भाग ले रहे हैं इसकी शुरुआत 23 जुलाई 2021 से हो रही है और यह अगस्त 8 तक चलेगी। इस बार भारत से टोक्यो ओलंपिक के लिए कुल 127 एथलीटों ने भाग लिया है जो कि भिन्न-भिन्न खेलों में भारत को संबोधित करेंगे। ओलंपिक में भारत के 1920 से 2020 तक 100 साल पूरे हुए हैं और भारत ने अभी तक कुल 28 मेडल जीता है तो इस बार हम ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों से बेहतर उम्मीद कर सकेंगे कि वह अच्छे खेल दिखाए और भारत के लिए मेडल जीते। 

भारत की ओर से कुल 18 खेलों में खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। तीरंदाजी में तरुणदीप राय, अतनु दास, प्रवीण जाधव तथा दीपिका कुमारी और बैडमिंटन में पीवी सिंधु, बी साई प्रणीत, सतविकसाइराज रणकीरेड्डी और चिराग शेट्टी भाग ले रहे हैं। भारत से बॉक्सिंग की टीम में विकास कृष्ण, लवलीना बोरगोहेन, आशीष कुमार, पूजा रानी, सतीश कुमार, मैरी कॉम, अमित पंघाल, मनीष कौशिक और सिमरनजीत कौर शामिल हैं।

फेंसिंग में भवानी देवी, गोल्फ़ में अनिर्बन लहरी, उद्यान मैंने, अदिति अशोक, जिमनास्टिक में प्रणाती नायक, हॉकी में मेंस नेशनल टीम और विमेंस नेशनल टीम, जूडो में सुशीला देवी लिकमाबाम, शूटिंग में अंजुम मोदगिल, अपूर्वी चंदेला, दीवान सिंह पंवर, दीपक कुमार, तेजस्विनी सावंत, संजीव राजपूत, ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर, मनु भाकर, यशस्विनी सिंह देसावर, सौरभ चौधरी, अभिषेक वर्मा, राही सरनोबत, चिंकी यादव, अंगद वीर सिंह बाजवा, मेराज अहमद खान, स्विमिंग में साजन प्रकाश, श्रीहरी नटराज, माना पटेल, टेबल टेनिस में सार्थ कमल, साथियान गणसेकरन, सुतीर्थ मुखर्जी, मणिका बात्रा तथा टेनिस में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना भारत की तरफ से ओलंपिक में भाग ले रही हैं।

ओलंपिक के लिए खिलाड़ी अपना जी जान लगा कर मेहनत करते हैं और उनका उद्देश्य जीत हासिल करना होता है । भारत में खिलाड़ियों को अन्य देशों के मुकाबले सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं मिलते हैं। इसके बावजूद इतने कठिनाइयों और अड़चनों के होते हुए भी उन खिलाड़ियों का हौसला कभी कम नहीं होता है। ये खिलाड़ी इतनी मेहनत इसलिए करते हैं कि वह दूसरे देश में भारत का तिरंगा झंडा लहराए ताकि भारत के 1.38 बिलियन लोगों को उन पर गर्व हो। 

इन खिलाड़ियों पर रहेगीं नजरें

मैरी कॉम

 भारतीय बॉक्सर है मैरी कॉम को किसी पहचना की जरूरत नहीं क्योंकि भारत में बॉक्सिंग और मैरी कॉम को एक ही माना जाता है। मैरी कॉम के नाम अभी तक 6 वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडल हैं। इस बार मैरीकॉम ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर और बॉक्सर इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में ब्रोंज जीता है जो कि यह दर्शाता है कि वह अच्छे फॉर्म में है और इस चीज का फायदा ओलंपिक में भी देखने को मिल सकता है मैरी कॉम को अपने अनुभव और तकनीक का फायदा भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाने में हो सकता है। 

पी .वी सिंधु

पी .वी सिंधु भारत की एक और अनुभवी खिलाड़ी है जिनसे भारत मेडल की उम्मीद कर सकता है। पीवी सिंधु भारतीय बैडमिंटन प्लेयर हैं, उन्होंने ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल और साथ ही रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल भी जीता है। इसके अलावा अन्य प्रतियोगिताओं में भी उन्होंने कई मेडल जीते हैं। पी .वी सिंधु भी अपने अनुभव का इस्तेमाल कर इस बार भारत के लिए मेडल ला सकती हैं और पूरे देश को एक बार फिर से गौरवान्वित होने का मौका दे सकती हैं। इसलिए पी .वी सिंधु पर भी देश की निगाहें हैं कि वह अच्छा खेलें और मेडल जीते। 

सानिया मिर्जा

सानिया मिर्जा से भारत को टेनिस में मेडल की उम्मीद रहेंगी। सानिया मिर्जा ने अपना पहला ओलंपिक 2008 बीजिंग में खेला था हालांकि रियो ओलंपिक 2016 में जीत के बेहद करीब जाकर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था । इस बार देशवासियों को उनसे भी जीत की उम्मीद है।

टोक्यो ओलंपिक में इस बार अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ कई ऐसे भी खिलाड़ी होंगे जो पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे हैं उम्मीद है कि भारत को अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का लाभ मिले और विश्व में अपनी सफलता का परचम लहराए। 

 

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