September 13, 2017, 9:09 pm
भारत के मिडिल क्लास में इंग्लिश एजुकेशन के प्रति ललक को ‘पिंटोज’ फैमिली ने आज से लगभग 30-35 साल पहले समझ लिया था। तब भारत वैश्वीकरण के दरवाजे पर खड़ा था। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में आने को तैयार थीं। इसी दौरान अगस्टाइन एफ पिन्टो और उनकी पत्नी मैडम ग्रेस पिन्टो भारतीय मध्य वर्ग के लिए अंग्रेजीदां सपने बुन रहे थे। ये जोड़ा भारत में ऐसे स्कूल की श्रृंखला तैयार करने में जुटा था जो न्यू इंडिया के लिए अंग्रेजी भाषा पर शानदार अधिकार रखने वाले वर्कफोर्स की एक विशाल फौज तैयार करने वाला था। आज रयान इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स (RIGI) में 18 हजार फैकल्टी मेंबर्स यानी टीचर काम करते हैं, ये टीचर 2 लाख 70 हजार छात्रों को शिक्षा देते हैं, भारत में इस ग्रुप के 130 से ज्यादा स्कूल हैं जबकि खाड़ी देशों में भी इस ग्रुप में अपने पांच स्कूल खोल रखे हैं। रयान स्कूल से हर साल 30 हजार बच्चे निकलते हैं। ये संस्थान हर साल अपने स्कूलों की फेहरिस्त में 4 से 5 नये विद्यालय जोड़ता है। इस ग्रुप ने अभी अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, थाइलैंड और मालदीव में एजुकेशन सेक्टर में कई समझौते किये हैं, जो दिखाता है कि शिक्षा क्षेत्र में पिंटोज परिवार अभी कई मुकाम और छूने को तैयार है।