बवाना विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार की कारणों की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली बीजेपी ने उत्तर-पश्चिम लोकसभा के सांसद उदित राज को दी है, जिसका अर्थ हार की लीपापोती करने के रूप में समझा जा रहा है ।
उपचुनाव में पराजित बवाना विधानसभा उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र अंर्तगत आता है जिसके सांसद उदित राज है, लिहाजा हार के एक कारक वह भी हो सकते हैं। जिस प्रकार उम्मीदवार वेद प्रकाश के बारे में क्षेत्रीय विकास के कार्यों की उपेक्षा करने की शिकायत थी, तीन वर्ष से अधिक समय से वह वहां के सांसद उदित राज के बारे में भी ऐसी धारणा हो सकती है। कार्यकर्त्ताओं में यह आम चर्चा थी।
कि दिल्ली के दूसरे लोकसभा क्षेत्र के सांसद को चुनावी प्रभारी बनाए जाने से उदित राज नाराज थो, इस वजह से उन्होंने चुनाव में सक्रिय भूमिका नहीं निभाई। दल-बदलू को टिकट दिए जाने पर भी क्षेत्रीय बीजेपी कार्यकर्त्ताओं में असंतोष था, क्या उदित राज दल-बदलूओं को पार्टी में पद व टिकट दिए जाने के विरूद्ध टिप्पणी कर सकने का नैतिक साहस कर सकते हैं( जब कि वह स्वयं भी...) ?
ऐसे में उचित रहेगा कि बवाना विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की करारी हार की कारणों की जांच की जिम्मेदारी उस विधानसभा से परोक्ष जुडे व कारक समझे जाने वाले किसी नेता को न देकर अन्य किसी पदाधिकारी या सांसद जो निष्पक्ष व यथार्थवादी हो को दी जाती तो संगठन के लिए उचित होता।