661

अपने पर्यावरण की देखरेख भी है जरूरी, जानें पर्यावरण असंतुलन से जुड़े पहलू

खुली हवा, शांत आसमान किसे नहीं भाता लेकिन मानव गतिविधियों ने पर्यावरण में जहर घोल कर इसे असंतुलित कर दिया है। पर्यावरण अंसतुलन के बहुत से नुकसान हैं।

आखिर क्या है यह पर्यावरण असंतुलन?

हमें प्रकृति ने जीवन के लिए पर्याप्त वस्तु एवं साधन प्रदान किए हैं चाहे वे हवा, पानी, आग, धरा एवं आकाश जैसे पंचतत्व हो या फिर रहन-सहन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान। प्रकृति में इस धरती की हर एक प्रजाति का संपूर्ण भार उठाने की क्षमता है परंतु मनुष्य की स्वार्थी कार्ययोजनाओं के कारण प्रकृति अब यह क्षमता धीरे-धीरे खो रही है। प्रकृति में आए इसी असंतुलन को पर्यावरण असंतुलन कहते हैं।

135

गर्मियों में स्टाइलिश दिखना हुआ आसान, कपड़े और मेकअप का रखें खास ख्याल

गर्मी के मौसम मे हमें कड़ी धूप, असहनीय गर्मी और पसीना का सामना करना पड़ता है लेकिन इन सभी परेशानियों के बावजूद भी आप खूबसूरत और स्टाइलिश दिख सकती हैं। इसके लिए हम आपको कपड़े और मेकअप से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं जिन्हें फालो कर आप गर्मियों में खिली-खिली रहेंगी।    

वैसे गर्मियों में स्टाइलिश दिखना इतना भी मुशकिल नही जितना हम सोचते है। पर हमे गर्मियों मे इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि जो भी पहने वे स्टाइलिश होने के साथ साथ आरमदायक भी हो।

920

कोरोना संकट के दौरान मानसिक तनाव से रहें मुक्त, मिलेगी राहत

कोरोना महामारी ने ना सिर्फ पूरी दुनिया में लॉकडाउन का माहौल तैयार किया बल्कि  विश्व में सभी वर्ग के लोगों के उपर मानसिक दबाव भी बढ़ाया है। इस महामारी के साथ - साथ इसका डर भी  उतनी ही तेजी से फ़ैल रहा है । कोरोना महामारी का यह व्यापक रूप चिंता, डर और तनाव का कारण बन रहा है। कोरोना सिर्फ शारीरिक बीमारी के तौर पर महामारी नहीं लाया, बल्कि यह मानसिक महामारी को ओर भी बढ़ रहा है। ऐसे में ये जरूरी है कि कोरोना के डर को मन से निकाल दिया जाए। यही डर और चिंता मनुष्य पर इतना दबाव डालने के लिए काफी है जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार पड़ सकता है।

इस विश्वव्यापी संकट की उत्पत्ति एवम् इसके इतने तेज़ी से फैलने का कारण भी मनुष्य जाति ही है। दुनिया भर में सभी लोग इस वक़्त एक जैसी मुश्किलों का सामना कर रहे है । इस महामारी से संक्रमित व्यक्ति को चिकित्सा के लिए अकेले रहना पड़ता है। इस महामारी से बचने के लिए यह आवश्यक है । परन्तु बीमारी से संक्रमित लोगो को अकेले रखने कि वजह से उनपर मानसिक दबाव बढ़ जाता है । ऐसे हालात में एक स्वस्थ  व्यक्ति का अपने आप को संभाल लेता है परन्तु एक बुज़ुर्ग और एक बच्चे पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है । बीमार व्यक्ति का ख्याल चिकित्सक कर्मी पूर्ण प्रकार से रख रहे है ।