होली का त्यौहार होलिका दहन से शुरू होता है और होलिका दहन की तैयारियां बहुत पहले से शुरू हो जाती हैं तो आइए हम आपको होलिका दहन के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं।
एक महीने पहले शुरू हो जाती है होलिका दहन की तैयारी
वैसे तो होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होता है लेकिन इसकी तैयारी माघ महीने की पूर्णिमा से ही शुरू हो जाता है। इसके लिए एक महीने पहले गांव या शहर के किसी खास चौराहे पर गुलर के पेड़ की लकड़ी को रख दिया जाता है जिसे होली का डंडा गाड़ना कहते हैं। उसके बाद एक महीने तक धीरे-धीरे उस पर उपले, लकड़ियां, डंडे और झांड़िया इकट्ठी की जाती हैं। होलिका में गोबर के उपलों की माला भी बनायी जाती है जिसे महिलाएं घर में कई दिन पहले से बनाना शुरू कर देती हैं।