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हिन्दू धर्म में होलिका दहन का है खास महत्व

होली का त्यौहार होलिका दहन से शुरू होता है और होलिका दहन की तैयारियां बहुत पहले से शुरू हो जाती हैं तो आइए हम आपको होलिका दहन के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं।

एक महीने पहले शुरू हो जाती है होलिका दहन की तैयारी   

वैसे तो होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होता है लेकिन इसकी तैयारी माघ महीने की पूर्णिमा से ही शुरू हो जाता है। इसके लिए  एक महीने पहले गांव या शहर के किसी खास चौराहे पर गुलर के पेड़ की लकड़ी को रख दिया जाता है जिसे होली का डंडा गाड़ना कहते हैं। उसके बाद एक महीने तक धीरे-धीरे उस पर उपले, लकड़ियां, डंडे और झांड़िया इकट्ठी की जाती हैं। होलिका में गोबर के उपलों की माला भी बनायी जाती है जिसे महिलाएं घर में कई दिन पहले से बनाना शुरू कर देती हैं।

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हिन्दी दिवस पर विशेष

हिन्दी को 14 सितम्बर 1949 ई. में राष्टीय भाषा का दर्जा मिला और इस की याद में हिन्दी दिवस इसी दिन मनाया जाता है

 उसी दिन अन्य 11 भाषा भी सविधान सभा में स्वीकार की गई थी I
हिन्दी की मूल भाषा संस्कृत को माना गया है I
हिन्दी *देवनागरी लिपि में
लिखी जाती है I
हिन्दी का पहला उपन्यास "निवासदास"

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महाराष्ट्र में गणेश चातुर्शी का महत्व !!

नई दिल्ली : गणेश चातुर्शी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारो में से एक है। यह भारत के अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरह से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में यह अद्‌भुत रूप से  मनाया जाता है। इस महोत्सव पर भगवान गणेश की सुन्दर प्रतिमा घरो व मंदिरों में स्थापित की जाती है। और दस दिनों तक भगवान गणेश की स्तुति की जाती है।  महाराष्ट्र में भगवान् गणेश की सबसे विशाल मूर्तियाँ स्थापित की जाती है, भगतों की विशाल भीड़ जुड़ जाती है जो भगवान गणेश की रथ यात्रा में शामिल होते है। ऐसा नही कि और किसी राज्य में गणेश चातुर्शी का महोत्सव नही बनाया जाता है।