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बहुत याद आएंगे क्रिकेटर यशपाल

 रहे थे। बॉब विलिस की यॉर्कर जैसी गेंद पर लेग साइड में जमाया उनका छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास के यादगार शॉट्स में शुमार है।

कभी शून्य पर आउट नहीं हुए यशपाल 

यशपाल शर्मा न केवल पूरे मन से खेलते थे बल्कि वह वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी थे। अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट में कभी शून्य पर पवेलियन नहीं लौटने का अनोखा रिकॉर्ड कायम किया था। 

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जानें, क्या है निजी सदस्य विधेयक

निजी सदस्य विधेयक संसद में एक निजी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है । गैर-सरकारी संसद सदस्य द्वारा पेश किए गए बिल को निजी सदस्यों के बिल के रूप में जाना जाता है। उनका उद्देश्य सरकार का ध्यान मौजूदा कानूनी ढांचे में मुद्दों और कमियों की तरफ आकर्षित करना है, जिसके लिए विधायी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

गैर-सरकारी सदस्य विधायी प्रस्ताव या विधेयक भी पेश कर सकते हैं, जिसे वह क़ानून की किताब में उपस्थित होने के लिए उपयुक्त समझता है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक निजी सदस्य एक सत्र के दौरान गैर-सरकारी सदस्य विधेयकों को पेश करने के लिए अधिकतम तीन नोटिस दे सकता है।

विधायी प्रक्रिया के लिए संसद में दो प्रकार के विधेयक पेश किए जाते हैं: सार्वजनिक और निजी विधेयक। सार्वजनिक विधेयकों को सरकारी विधेयक कहा जाता है जबकि निजी विधेयकों को निजी सदस्यों का विधेयक कहा जाता है।

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समान नागरिक संहिता में है कुछ खास

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भारत के लिए एक कानून बनाने का आह्वान करता है, जो विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा।  

समान नागरिक संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आती है, जो यह बताती है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। यह मुद्दा एक सदी से अधिक समय से राजनीतिक कथा और बहस के केंद्र में रहा है । 

 समान नागरिक संहिता की उत्पत्ति

यूसीसी की उत्पत्ति औपनिवेशिक भारत में हुई जब ब्रिटिश सरकार ने 1835 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें अपराधों, सबूतों और अनुबंधों से संबंधित भारतीय कानून के संहिताकरण में एकरूपता की आवश्यकता पर बल दिया गया तथा विशेष रूप से सिफारिश की गई कि हिंदुओं और मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों को इस तरह के संहिताकरण से बाहर रखा जाए।