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# विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह

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New Delhi: यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह मनाया गया । वैश्विक एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं आगे होने वाले आपातकाल एवं एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार से बचने के लिए सामान्य जनता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जागरूक करने के लिए आज शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
 
इस जागरूकता अभियान का मुख बिंदु  'एंटीबायोटिक लेने से पहले योग्य स्वास्थ्यसेवा पेशेवर से सलाह लें’ रहा ' इस अवसर पर वरिष्ठ मइक्रोबिओलॉजिस्ट डॉ श्वेता शर्मा ने कहा कि  एंटीबायोटिक्स बहुमूल्य संसाधन हैं, इसलिए उसका सेवन करने से पहले पर्याप्त सलाह लेना महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होता है, कि आप और आपके परिवार को सबसे बेहत्तर उपचार मिलेगा तथा एंटीबायोटिक दवाओं के सही उपयोग के माध्यम से एंटीबायोटिक प्रतिरोध को कम करने में भी मदद मिलेगी।
 
डॉ प्रगति गुप्ता ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया संक्रमणों को रोकने और उनका उपचार करने के लिए उपयोग की जाती हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है, जब बैक्टीरिया में बदलाव होता हैं, जिससे इन दवाइयों के प्रति उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। बैक्टीरिया जीवित रहता है और लगातार बढ़ता है, जिसके कारण अधिक नुकसान होता है।

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डॉक्टर प्रगति गुप्ता ने बताया उनके पास में इस तरह के भी मरीज आते हैं जिनमें बैक्टीरिया को मारने के लिए किसी भी प्रकार की एंटीबायोटिक का प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि जांच करने पर पता चलता है कि वह बैक्टीरिया हर तरह की एंटीबायोटिक का प्रतिरोध कर रहा है । और ऐसे में यदि मरीज की आयु ज्यादा हो और उसके शरीर में संक्रमण काफी बढ़ा हुआ हो ऐसे में उस मरीज को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है ।

एलर्जी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित सिन्हा ने बताया कि इस तरह के बैक्टीरिया को सुपरबग या दिल्ली बग भी कहते हैं, भारत में पाए जाने वाला यह बैक्टीरिया किसी भी एंटीबायोटिक से खत्म नहीं होता । एक जानकारी के अनुसार अभी तक लोगों को मौत की नींद सुला भी चुका है । डॉक्टर अंकित सिन्हा ने यह भी कहा कि अब हमारे पास भविष्य में ऐसे एंटीबायोटिक नहीं है जो सुपर बग को मार सके  
डॉक्टर अंकित ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत में एंटीबायोटिक का सबसे ज्यादा दुरुपयोग होता है हम अपनी मनमर्जी से एंटीबायोटिक ले लेते हैं या दवाई की दुकान पर जाकर केमिस्ट से अपनी बीमारी बताकर कोई भी एंटीबायोटिक खा लेते हैं और उन्हें कभी भी रोक देते हैं ऐसे में बैक्टीरिया प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न कर लेता है, और वह किसी भी एंटीबायोटिक से खत्म नहीं होता, जब आपको एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की ज़रूरत नहीं होती हैं, तब इनका सेवन करने से एंटीबायोटिक प्रतिरोध को बढ़ जाता है।

डॉक्टर श्वेता शर्मा ने कहा आजकल पोल्ट्री फॉर्म में चिकन में महामारी फैलने से बचाने के लिए एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है और वह एंटीबायोटिक जब हम चिकन खाते हैं तो साथ में हमारे शरीर में चला जाता है जिसकी वजह से भी एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ा है। साथ ही डॉक्टर श्वेता ने एक बहुत छोटी सी सावधानी बरतने के लिए सलाह दी जिससे कई प्रकार के संक्रमण से बचा जा सकता है उन्होंने कहा कि जब हम खाते हैं तो हम अपना हाथ मुंह पर रख देते हैं हमें ऐसा नहीं करना चाहिए यदि हमें खासना है तो या तो हम रुमाल हाथ में रखें अन्यथा हम खासते समय अपने मुंह को कोहनी से कवर करें, जिससे कि हम जब किसी दूसरे से हाथ मिलाएंगे तो अपना इंफेक्शन उसको पास नहीं करेंगे। डॉक्टर श्वेता शर्मा ने लोगों को हैंड हाइजीन टेक्निक यानी हाथ को सही तरीके से धोने के तरीके के बारे में प्रदर्शन कर जानकारी दी और उन्होंने कहा कि यदि हम सही तरीके से हाथ होते हैं और पूरा 1 मिनट तक साबुन यह हैंड सैनिटाइजर के माध्यम से हाथ धोने के विभिन्न चरणों को पूरा करते हैं तो हम कई प्रकार के संक्रमण को खुद के अंदर फैलने से एवं दूसरों के अंदर फैलने से बचा सकते हैं तथा हॉस्पिटल में भर्ती होने से बच भी सकते हैं जिससे हमारा लाखों रुपए का हॉस्पिटल का बिल बच भी सकता है
डॉक्टरों ने लोगों को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से बचने के लिए जागरूकता व्याख्यान के दौरान निम्नलिखित उपाय बताए:

अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
स्वास्थ्यकर ढंग से भोजन बनाएं।
बीमार लोगों के घनिष्ठ संपर्क से बचें।
सुरक्षित सेक्स पद्यति अपनाएं।
अपने एवं अपने बच्चों के टीकाकरण को अद्यतन रखें।
सुरक्षित पानी एवं स्वच्छता के अधिकार के लिए खड़ें हों।
* जब भी एंटीबायोटिक्स दवा का सेवन करें, तब हमेशा योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर की सलाह का पालन करें।
 
* यदि आपके स्वास्थ्य कर्मचारी ने कहा है, कि आपको एंटीबायोटिक दवाओं की ज़रूरत नहीं है, तो एंटीबायोटिक का सेवन न करें।
 
* दूसरों के साथ एंटीबायोटिक्स साझा न करें।
 
* बचे हुई एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग न करें।

इस अवसर पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया

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प्रदूषण से त्रस्त लोगों को बांटा निःशुल्क एन 95 मास्क एवं किया जागरूक

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New Delhi: हर वर्ष आज ही के दिन विश्व भर में वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाया जाता है इसी कड़ी में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद में वर्ल्ड सीओपीडी डे के उपलक्ष में मरीजों एवं उनके रिश्तेदारों के लिए एक जागरूकता व्याख्यान एवं मुफ्त फेफड़ा जांच शिविर लगाया गया इस कार्यक्रम में 100 से भी ज्यादा लोगों ने भाग लिया कार्यक्रम के दौरान फेफड़ों से जुड़े लोगों के प्रति जागरूक करने हेतु एक न्यूज़लेटर का भी उद्घाटन किया गया साथ ही लोगों को फेफड़ों को स्वस्थ रखने हेतु एक्सरसाइज भी सिखाई गई ।
 
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी की मेन लॉबी में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ फेफड़ा एवं एलर्जी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के के पांडे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में फेफड़ों की समस्या होने पर उसे सीओपीडी कहा जाता है और उन्होंने बढ़ते हुए प्रदूषण एवं सीओपीडी बीमारी के दुष्प्रभावों से बचने हेतु चार चीजों पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपना खानपान ठीक रखना चाहिए और प्रतिदिन स्वास्थ संबंधी व्यायाम करना चाहिए तथा ठंड शुरू होने से पहले हर साल फ्लू की वैक्सीन या टीका लगवाना चाहिए एवं हर 5 साल में निमोनिया वैक्सीन या निमोनिया का टीका लगवाना चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी दिक्कत होने से घर पर उसका इलाज या दवा लेने से बचना चाहिए और उचित समय पर फेफड़ा रोग विशेषज्ञ को चिकित्सकीय परामर्श हेतु संपर्क करना चाहिए ।
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Need to look for opportunities in healthcare

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New Delhi: Healthcare has become one of India’s largest sectors both in terms of revenue and employment. Healthcare comprises hospitals, medical devices, clinical trials, outsourcing, telemedicine, medical tourism, health insurance and medical equipment. The Indian healthcare sector is growing at a brisk pace due to its strengthening coverage, services and increasing expenditure by public as well private players...
 
Given this, Confederation of Indian Industries CII organized 2nd edition of CII UP Health Summit 2019 with the theme “Affordable & Accessible Healthcare for All” on 09 August, 2019 at CII Office, Lucknow, Uttar Pradesh.

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