'दिल्ली के शेर' कहे जानेवाले, कर्मठ, जुझारू, दूरदर्शी एवं लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री श्री मदनलाल खुराना जी को जन्म जयंती पर शत्-शत् नमन एवं श्रद्धांजलि।
राजनीति में शून्य से शिखर तक की यात्रा करनेवाले खुराना जी का पूरा जीवन हमें ‘प्रयोग से सिद्धि’ के मार्ग पर चलाना सिखाता है। आप ऐसे दूरदर्शी राजनेताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने न केवल अनेक जनकल्याणकारी स्वप्न देखे, बल्कि चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, सटीक रणनीति और अथक प्रयासों से अपने जीवनकाल में ही उन्हें धरातल पर भी उतारा।
इंदिरा जी की हत्या के बाद सन् 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस के प्रति लोगों की सहानुभूति के कारण भाजपा की बुरी तरह पराजित हुई थी। तब खुराना जी ने मुझ जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के मन में आशा का दीप जलाया और हमने दिल्ली में ‘विधायिका की व्यवस्था’ के लक्ष्य के साथ नये सिरे से कार्य शुरू किया था। यह उनके कुशल नेतृत्व का ही परिणाम था कि हमें कुछ ही वर्षों में सफलता की किरण दिखने लगी। दिल्ली में ‘विधायिका की व्यवस्था’ होने के बाद उन्होंने सशक्त सेनापति की तरह दिल्ली भाजपा को नेतृत्व प्रदान किया और 1993 के विधानसभा चुनावों में हमें सफलता मिली।