देश के राजधानी दिल्ली से सटे हुए गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में धांधली का मामला सामने आया है. अस्पताल में डेंगू से पीड़ित एक सात साल की बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
हैरानी की बात यह है कि डेंगू के इलाज में 18 लाख रूपयें का बिल अस्पताल के तरफ से पेश किया गया है. इलाज में 18 लाख रूपयें खर्च होने के बाबजूद डॉक्टर बच्ची की जान नहीं बचा सकें.
बेशर्मी की बात यह है कि अस्पताल के तरफ से परिवार वालों बच्ची का शव देने से मना कर दिया गया. अस्पताल की तरफ से कहा गया कि पहलें बिल के 18 लाख रूपयें चुकाने होंगे. उसके बाद बच्ची का शव दिया जायगा.
किसी सेवन स्टार होटल जैसी शानदार बिल्डिंग और आधुनिक सुविधा से लैश अस्पताल होने के बाबजूद डॉक्टर एक बच्ची की जान नहीं बचा सके. वहीं दूसरी तरफ बच्ची के माता पिता डॉक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगा रहे है.
आपको बताते है मामला क्या है?
दिल्ली के द्धारका निवासी जयंत सिंह की सात वर्षीय बेटी आद्या सिंह को डेंगू हो गया था. जिसके चलते उसको रॉकलैंड में भर्ती कराया गया था. जहां से उसको कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद उसे दिल्ली से सटे गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट रेफर कर दिया गया था.
आदया को 31 अगस्ते को डेंगू होने के चलते फोर्टिस अस्पइताल में भर्ती कराया गया था. और 14 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. आदया अपने माता-पिता के साथ द्धारका में रहती थी. बच्ची के परिवारवालों ने अस्पताल पर आरोप लगाया है?
कि उनकी बेटी को तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया. जबकि उस पर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा था.