एक रुपया पहली बार 1917 को जारी किया गया था. आज वह पूरे 100 साल का हो गया. सौ साल में देश बदला. गुलाम से आजाद हुआ. इसी तरह रुपए की वैल्यू भी बदली और आज नोटबंदी के बाद करेंसी को लेकर नए सिरे से चीजें चल रही हैं.
अगर हम वैल्यू बदलने की बात करें तो एक मोटे हिसाब ये है कि 1917 में जो एक रुपए की वैल्यू थी वो आज 400 रुपए के बराबर हो गयी है.
यानी सौ साल पहले आप जो सामान एक रुपए में खरीद सकते थे. उसके लिए आपको करीब 390 से लेकर 400 रुपए अदा करने होंगे. जब 1917 में एक रुपया का नोट जारी किया गया था तो उसकी वैल्यू 10.7 gms चांदी के बराबर थी.
चांदी की आज की कीमत को ध्यान में रख कर इसे देखें तो आज 10 ग्राम चांदी के लिए आपको Rs 390 देने होंगे. इस आंकड़े के हिसाब से आप कह सकते हैं कि एक रुपए की वैल्यू 100 साल में 400 गुना बढ़ गई.
कैसे हुई थी 1 रुपए की शुरुआत- हुआ यूं कि दौर था पहले विश्वयुद्ध का और देश में हुकूमत थी अंग्रेजों की. उस दौरान एक रुपये का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था.
लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और इस प्रकार 1917 में पहली बार एक रुपये का नोट लोगों के सामने आया. इसने उस चांदी के सिक्के का स्थान लिया.
30 नवंबर 1917 को ही यह एक रुपये का नोट सामने आया जिस पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी. भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया.