दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने डॉक्टर कुमार विश्वास को आम आदमी पार्टी (AAP) में चल रहे घमासान और उनकी चुप्पी को लेकर खुला पत्र लिखा है. कपिल ने खत में हवाला कारोबार, नोटबन्दी, सर्जीकल स्ट्राइक और गोआ- पंजाब चुनाव जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए कुमार विश्वास से सवाल पूछा है. कपिल ने कुमार विश्वास की चुप्पी को सत्य- धर्म की हानि बताते हुए लिखा है.
आदरणीय कुमार भैया
कहां रुके हो? क्यों फंसे हो? क्या दुविधा है? कैसी असमंजस? किस उम्मीद और किस आशा में? आज कुछ बातें खुलकर लिख रहा हूं. थोड़ा लंबा पत्र है पर पढ़ना जरूर.
कपिल ने अपने पत्र में कुमार विश्वास के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि कल आपने ट्वीट किया. 'हम बोले तो क्या होगा?' आपने मीडिया में भी कहा कि आपके बोलने से AAP में भी कुछ लोग है. जो डरते हैं. इसका मतलब कुछ तो है, जो आपको पता है. और आप बोल नहीं रहे हैं. क्या है वो राज और आप क्यों छिपाकर बैठे हो? क्या वो राज भ्रष्टाचार, हवाला, कालेधन, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं. आपकी चुप्पी किसलिए? देश-धर्म से बड़ा तो कुछ नहीं होता.
पिछले साल आठ नवंबर को लागू हुई . नोटबंदी की याद दिलाते हुए. कपिल मिश्रा ने लिखा, ' मुझे याद है. पिछले साल आठ नवंबर को जब नोटबन्दी हुई. PM मोदी ने नोटबन्दी की घोषणा की.
उसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट किया. नोटबन्दी की तारीफ करते हुए. इस ट्वीट के 10 सेकंड के भीतर आपका कॉल आया कि ट्वी ट डिलीट करो. थोड़ी देर में बताता हूं क्यों? मैंने डिलीट कर दिया. फिर थोड़ी देर में आपने बताया कि केजरीवाल के यहां नोटबन्दी के बाद से एकदम सन्नाटा है . और किसी को कोई भी रिएक्शन देने से मना कर दिया गया है.
कपिल ने कुमार विश्वास को लिखा कि आपने बताया था कि शायद केजरीवाल कुछ लोगों से पूछकर निर्णय लेंगे कि नोटबन्दी पर क्या रिएक्शन देना है? लगभग तीन दिन तक पार्टी में किसी ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. फिर निर्णय हुआ. कि पार्टी नोटबन्दी का विरोध करेगी. सारे देश मे रैलियां होंगी. ममता बनर्जी दिल्ली आएंगी. पूरे देश मे कई रैलियां हुई. जहां पार्टी का कोई जनाधार नहीं था . वहां भी केजरीवाल की रैलियां हुईं. दिल्ली तक में आजादपुर मंडी की रैली फ्लॉप हुई. पर फिर भी की गई.