कुमार विश्वास की कविता ने किया उनकी “आप” बीति का इजहार

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कल हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के भीतर का संघर्ष सड़क पर आ गया. बृहस्पतिवार दोपहर बाद बैठक खत्म  होने पर वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास व विधायक अमानतुल्ला खान के समर्थक आमने-सामने आ गये.

आपको बता दे कि बैठक खत्म होने पर बाहर निकलते वक्त पहले कुमार विश्वास के समर्थकों ने विधायक अमानतुल्ला की गाड़ी रोकी. बदले में फिर विधायक अमानतुल्ला खान के समर्थकों ने कुमार विश्वास के गाड़ी को रोका.

गाड़ी रोकने के बाद दोनों के समर्थकों बीच जमकर नारेबाजी हुई. हालांकि  इस वक्त तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक स्थल से चले गये थे. उनके जानें के बाद यह हंगामा शुरु हुआ.

इस हंगामे से कुमार विश्वास काफी खफा भी दिखे. उन्होंने ट्वीट कर इशारों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर अपने कविता गाकर निशाना साधा.

कुमार विश्वास की कविता

बकौल विश्वास, ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरों, गम बोले तो क्या होगा. ख़ामोशी से डरने वालों, हम बोले तो क्या होगा? वहीं मीडिया से बातचीत में कहा कि वह इस दिन के लिये जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर नहीं गये थे. आम आदमी पार्टी उनकी है.

अमानतुल्ला खान पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि जो लोग 20-25  साल तक दूसरी पार्टी की नौकरी करके आए हैं.  वही लोग पार्टी छोड़कर जायेंगें.

वहीं कुमार विश्वास ने बीजेपी और कांग्रेस पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा पहले पता था कि भाजपा और कांग्रेस को उनके बोलने से डर लगता है. 

लेकिन अब लगता है कुछ और लोगों को भी उनके बोलने से डर लगता है. कुमार विश्वास ने एक बार फिर से अमानतुल्लाह को पूरे प्रकरण का मुखौटा बताया.

इससे पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक के एजेंडे में वक्ताओं की लिस्ट से कुमार विश्वास का नाम गायब था. सूत्र बताते हैं कि बैठक शुरू होने पर कई कार्यकर्ताओं ने इस पर सवाल किया.

इस पर बैठक का शुरुआती भाषण कर रहे वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वास को बोलने के लिये बुलाया.

लेकिन विश्वास तैयार नहीं हुये. उन्होंने कहा कि फिलहाल अगर उनका नाम वक्ताओं की सूची नहीं है, तो कोई बात नहीं. वह बाद में जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.

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