ताज महल विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया स्पष्टीकरण....

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यूपी सरकार ने ताज महल विवाद पर दिया स्पष्टीकरण...

जब ये खबर मिडिया की सुर्खिया बनी तो देर रात सरकार ने प्रेस मिटिंग बुला कर स्पष्टीकरण दिया. सरकार का कहना है कि ताज महल और उससे जुड़े झेत्र के विकास के लिए 156 करोड़ रुपए का प्रस्ताव वर्ल्ड बैंक के पास प्रस्तावित है. इस योजना पर अगले तीन महीनों में स्वीकृति की संभावना है.

पर्यटन स्थलों की लिस्ट में भी ताज महल शमिल नहीं....

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी पर्यटन स्थलों की लिस्ट में भी ताज महल को जगहा नहीं दी है जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखधाम मंदिर को शामिल किया गया है.

ताज महल को लेकर यह बयान दिया था मुख्यमंत्री ने....

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ताज महल को लेकर बड़ा बयान आया है. उन्होनें कहा कि ताज महल हमारी संस्कृति हिस्सा नहीं है. ताज महल को पूरी दुनिया के लोग कला के सिंबल के रूप में जानतें है.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि ताज महल एक इमारत से ज्यादा कुछ नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के तीन साल पुरे होनें के अवसर पर बिहार के दरभंगा में एक सभा को संबोधित करतें हुए.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जब दुसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष  आतें थे. तो उन्हें ताज महल की प्रतिमा भेंट की जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. जब अब दुसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष  आतें है या हमारें राष्ट्राध्यक्ष  दुसरे देशों में जातें है तो उनकों रामायण या भगवत गीता भेंट की जाती है.

वहीं इस मुद्दें पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी आना शुरु हो गई है और इतिहासकारों ने भी उनकी इस बात से सहमति नहीं जताई है.आकड़ो से पता चला है कि उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताज महल को देखने के लिए एक साल में करीब 80 लाख लोग आतें है. यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्रारा चलाये गए स्व्च्छ भारत अभियान में 10 जगहों में ताज महल भी शामिल है.

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