क्यों हुआ आंदोलन?
हिंसा तब हुई जब गुरुवार की शाम लगभग 7 बजे के करीब एक छात्रा हॉस्टल की ओर जा रही थी तभी रास्तें में कुछ लड़को ने उसके साथ छेड़खानी की छात्रा ने बताया कि कुछ दुरी पर सुरक्षाकर्मी खडें थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने कुछ भी नहीं किया. छात्रा ने मदद के लिए शोर भी मचाया लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया.
उसके कुछ समय बाद ही छात्राएं हॉस्टल में धरने पर बैठ गई. अगले दिन छात्रों ने लंका गेट के सामने प्रदर्शन किया. छात्र लगातार तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही है.
शनिवार की रात को जब छात्राएं हॉस्टल से बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के वीसी से मिलने के लिए पहुंची तो वीसी ने उनसें मिलने के लिए मना कर दिया. जब छात्रों ने मिलने के लिए ज्यदा जोर डाला. तो वीसी ने पुलिस बुला ली.
आखिर वीसी ने छात्रों से मिलने के लिए मना क्यों किया. इस सब की जिम्मेदारी क्या वीसी की नहीं है, आखिर पुलिस को वीसी ने क्यों बुलाया, क्या वो इस सब की नैतिक जिम्मेदारी लेंगें. पुलिस ने तो अपना काम किया/
लेकिन वीसी ने पुलिस को क्यों बुलाया. क्या वह छात्र कोई गुंडे थे. अपनें ही छात्रों से बात करने में उनकों क्या खतरा था.
वहीं बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र का कहना है कि हिंसा को बाहरी लोगों ने फैलाया है, उनका कहना है कि इस पुरे आंदोलन विश्वविद्यालय के छात्रों की सहभगिता बिल्कुल कम थी. वीसी ने यह भी माना की 21 सितबंर को एक लड़की से छेड़खानी घटना हुई और उसकी शिकायत थाने में दर्ज कर दी गई थी.
आंदोलन को लेकर राजनीति गर्म:
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का आंदोलन धीरे-धीरे राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी योगी सरकार को घेरने की तैयारी में है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है.
उन्होंने बीजेपी के बेटी बचाओ बेटी पढाओ को लेकर भी निशाना साधा.
वहीं समाजवादी पार्टी की एक आठ प्रतिनिधिमंडल आज मामलें की जाँच करने बीएचयु जाएगा. कल भी कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल को बीएचयु के अंदर जाने नहीं दिया गया था.
योगी सरकार ने भी इस मामलें को गंभीरतापूर्वक देखतें हुए जाँच के आदेश दे दिए है. वहीं इस आंदोलन की आग बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से दिल्ली तक आ पहुँची है, छात्र सगंठन एनएसयूआई के छात्र आज मानव संसाधन विकास मंत्रालय का घेराव करेंगे.
पुलिस ने 1200 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस मामलें में लंका थाने के एसओ राजीव सिंह को लाइन हाज़िर किया है. और भेलूपुर इलाकें के सीओ निवेश कटियार और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को हटाया गया है, लेकिन वीसी पर अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है.