कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय समय अनुसार मंगलवार देर रात अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुलाकात की. इस संवाद के दौरान राहुल ने मोदी सरकार पर जमकर वार किया. राहुल बोले कि मोदी सरकार अभी तक रोजगार पैदा करने में फेल रही है. रोजगार भारत में सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अगर एक देश अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाता है तो वह उसे कोई विजन भी नहीं दे सकता है.
राहुल गांधी ने बेरोजगारी के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर कम खर्च कर रही है.
उन्होंने कहा, "डीसेंट्रलाइजेशन हमेशा अच्छा होता है. लेकिन बात सिर्फ डीसेंट्रलाइजेशन की नहीं है, बल्कि सही मात्रा में और उचित स्तर पर डीसेंट्रलाइजेशन की जरूरत है."
राहुल ने कहा कि पूरी दुनिया से तुलना करे तो बीते कुछ दशक में भारत जितनी बड़ी संख्या में लोगो को गरीबी से निकालने में सफल रहा है.उतना और कोई देश नहीं. राहुल ने फंडामेंटल स्ट्रक्चर पर अपनी चिंता भी जाहिर की. राहुल ने कहा की भारत में जब भी बड़े बदलाव हुए है. तो उन बदलावों के पीछे प्रवासी भारतीयो की बड़ी भूमिका रही है.
पैदा हो रही सिर्फ 450 नौकरियां
उन्होंने ने कहा कि रोजाना करीब 30000 युवा जॉब मार्केट में आते है. लेकिन आज सिर्फ 450 युवाओं को रोजगार मिल पा रहा है. उन्होंने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मेक इन इंडिया प्रोग्राम का फोकस सिर्फ बड़े बिजनेस पर है. जवकि इसकी बजाय छोटे-छोटे कारोबार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए/
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ध्रुवीकरण की राजनीति एक बड़ी चुनौती है. राहुल गांधी ने कहा कि चीन की दुनिया की तरफ एक खास दूरदृष्टि है. यह बहुत स्पष्ट है. देश की राजनीति माहौल पर राहुल गांधी ने कहा, “राजनीतिक प्रणाली का केंद्रीयकरण आज की तारीक में भारत की केंद्रीय समस्या है. कानून निर्माण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है
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अगले सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, “चुनौतियां आती रहती है और उन चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार रहने की जरुरत है. मेरे ख्याल से कुछ बड़ी चुनौतियां सामने आ रही है. लेकिन मुझे लगता है. उन चुनौतियों से लड़ने में सिस्टम में कुछ कमियां नजर आ रही है.