रामनवमी पर राम की आराधना से मिलेगी रोग-शोक से मुक्ति

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहरी ने एक बार लोगों को प्रभावित किया। सब बीमार और डरे हैं, ऐसे में रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा आपके कष्टों को अवश्य दूर करेगी। रामनाम का जप ही सभी समस्याओं पर विजय प्राप्ति की राह है। इसलिए कोरोना संकट में श्री राम की पूजा करें। 

जानें क्यों मनाई जाती है रामनवमी 

प्राचीन काल में अयोध्या के राजा दशरथ की तीनों रानियों सुमित्रा, कैकेयी और कौशल्या को कोई पुत्र नहीं था। तब ऋषियों ने यज्ञ किया और उससे उत्पन्न हुई खीर को रानियां को खिलाया। इसके बाद तीनों रानियों को पुत्र हुए और सुमित्रा को रामनवमी के दिन रामचन्द्र जी पैदा हुए। उनके जन्म की खुशी में रामनवमी मनायी जाती है। 

राम नाम के जप से मनोकामनाएं होती हैं पूरी

रामनवमी को हिन्दू धर्म में खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने तथा राम नाम का जाप करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। 

राम जन्म से जुड़ी कथा

हिन्दू धर्म में राम जन्म से जुड़ी कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार त्रेता युग में रावण के अत्याचार से सभी लोग दुखी थे। तब भगवान विष्णु ने लोगों को रावण के अत्याचार से बचाने के लिए मृत्युलोक में अवतार लिया। श्रीराम ने मृत्युलोक में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। धरती पर श्रीराम के जन्म के बाद चारों तरफ खुशहाली छा गयी और रामचन्द्र जी ने रावण को हरा कर लोगों के दुखों को दूर किया था। 

रामनवमी के दिन करें ऐसे पूजा

 रामनवमी के दिन मुहूर्त बहुत अच्छा होता है इसलिए अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए इस दिन विशेष पूजा करें। रामनवमी के दिन सुबह उठ जाएं। प्रातः नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। घर में मंदिर में पूजा की सभी सामग्री इकट्ठी कर लें। उसके बाद पूजा की थाली में तुलसी का पत्ता और कमल का फूल रखें। इसके बाद रामदरबार की तस्वीर या फोटो रखें और गंगाजल छिड़क दें। गंगाजल छिड़कने के बाद घर में घट स्थापित करें। भगवान राम की मूर्ति को फूलों से सजाएं और उन्हें पालने में बैठाएं। उसके बाद भगवान की पूजा कर आरती करें। आरती के बाद श्रीरामचन्द्र जी प्रतिमा के सामने बैठकर विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। 

रामनवमी के दिन सरयू नदी में स्नान करना होता है पुण्यदायी

रामनवमी के शुभ अवसर देश भर से लाखों लोग की भीड़ अयोध्या जाकर पवित्र सरयू नदी में स्नान करती है। रामनवमी के दिन सरयू नदी में स्नान का विशेष महत्व होता तथा इस प्रकार के स्नान से पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण घर में स्नान करें और ईश्वर का स्मरण करें।

राम नवमी का महत्व
राम नवमी का विशेष महत्व है। भगवान राम की शिक्षाएं और दर्शन को अपनाकर जीवन को श्रेष्ठ बनाया जा सकता है। भगवान राम को मर्यादा पुरूषोत्तम कहा गया है। भगवान राम जीवन को उच्च आर्दशों के साथ जीने की प्रेरणा देते हैं। राम नवमी के पावन पर्व पर भगवान राम की पूजा अर्चना की जाती है, व्रत रख कर भगवान राम की आराधना करने से जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। 

रामनवमी के दिन करें ये काम 

रामनवमी के दिन बहुत शुभ होता है, इसलिए आप कई तरह के काम कर सकते हैं। उस दिन किए जाने सभी काम भविष्य में अच्छे फल देते हैं। 

  • कुंवारी लड़कियां जिनके विवाह में मुश्किल आ रही है उन्हें राम नाम का जाप 1001 बार करना चाहिए, इससे सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। 

  • दाम्पत्य  सम्बन्धों में मधुरता लाने के लिए रात में खीर बनाकर 1 घंटा चंद्रमा की रोशनी में रख दें तो रिश्ते मजबूत होते हैं। 

  • रामनवमी के दिन एक कोटरी में गंगा जल लेकर 108 बार राम नाम का जप कर घर के कोने-कोने में छिड़क दें इससे भूत-प्रेत और वास्तु दोष दूर होते हैं।  

  • इस दिन दुकान का उद्धाटन कर सकते हैं। 

  • गृह प्रवेश करना भी अच्छा माना जाता है। 

  • रामनवमी के दिन सोन-चांदी की खरीददारी और दान करना भी अच्छा माना जाता है। 

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