हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, इसे गंगा स्नान, त्रिपुरी पूर्णिमा तथा देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य तथा धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं।
विशेष जानकारी
हिन्दी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली भी कहते हैं। इस दिन कार्तिक मास के स्नान समाप्त हो जाएंगे। मंगलवार को भरणी नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। इस दिन कई धार्मिक आयोजन, नदियों में स्नान, पूजा और दान का विधान है।
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा का है खास महत्व
हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इस दिन धन तथा सौभाग्य की प्राप्ति के लिए तुलसी जी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि लोग तुलसी के सामने 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना करते हैं। साथ ही शाम के वक्त तुलसी के पास दीया जलाने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
पौराणिक कथा भी है रोचक
कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी हुई पौराणिक कथा प्रचलित है। प्राचीन काल में त्रिपुरासुर नामक के राक्षस ने सबको भयभीत किया था। तीनों लोक उसके भय से दुखी थे और उसने स्वर्ग पर भी अधिकार कर लिया था। त्रिपरासुर ने प्रयाग में बहुत दिनों तक तप किया। तप के उपरांत प्रसन्न होकर ब्रह्म जी ने दर्शन दिया। उसने ब्रह्मा जी वरदान मांगा कि उसे तीन लोकों में कोई न मार सके। इस किसी भी तरह से मृत्यु न होने पर वह अमर हो गया। इस तरह अमर होकर वह लोगों पर अत्याचार करने लगा। उसके अत्याचार से परेशान होकर लोगों ने महादेव से प्रार्थना की। तब कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर के रूप धारण कर त्रिपुरासुर का वध किया था।
कार्तिक पूर्णिमा पर दें दान
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का भी विशेष महत्व है इसलिए गाय, दूध, केले, खजूर, अमरूद, चावल, तिल और आवंले का दान जरूर करें। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन बहन, ब्राह्मण, और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र तथा दक्षिणा के रूप में कुछ दें। साथ ही इस दिन पूजा करने के बाद घर में दीपक जरुर जलाएं।
कार्तिक पूर्णिमा पर इन कामों से होगा फायदा
कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ होता है इसलिए इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और ईश्वर का ध्यान करें। ईश्वर की आराधना के लिए यह दिन सर्वोत्तम है इसलिए इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा कराएं। इस दिन अन्न ग्रहण न करें और फल खाकर पूरा दिन बिताएं। भगवान विष्णु को दूध में केसर डालकर स्नान कराएं और षोडशोपचार पूजा करें। इसके अलावा विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें। इस दिन घर के अंदर और बाहर दीपक जलाएं। इसके अलावा गाय के दूध में पानी मिलाकर चंद्रमा को अघर्य दें। इस दिन पीपल के पेड़ पर लक्ष्मी जी का वास होता है इसलिए पानी में शहद मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। पूर्णिमा पर हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।
इस दिन बनारस में होती है देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा के दिन बनारस में घाट पर देव दीपावली बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। देव दीपावली मनाए जाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इसके अनुसार भगवान शिव ने काशी के अहंकारी राजा दिवोदास का अहंकार नष्ट किया था। इस तरह दम्भी राजा के अहंकार को खत्म करने के कारण ही देव दीपावली मनायी जाती है। इस दिन काशी के सभी घाटों की सफाई होती है। इसके अलावा दीप जलाकर भी इस त्योहार को काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का है खास महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान का खास महत्व होता है। लेकिन अगर आप नदियों में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल मिला कर स्नान करें। उसके बाद लक्ष्मी नारायण की पूजा कर उन्हें खीर का भोग लगाएं। साथ ही घर में बाहर दीएं जलाएं। शाम को तुलसी जी की आरती उतार गरीबों को दान भी दे सकते हैं।