दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ऐसे ही नहीं 'दिल्ली का शेर' नाम से जानते जाते थे।वो दिल्ली की जनता की सेवा करने के लिए नित प्रयोग करते रहते थे और उस कार्य को करने में जो भी बाधायें आती थीं उनका डटकर मुकबला करते और कार्य को पूरा करके ही मानते थे।इसलिए वो दिल्ली की जनता की नजरों में 'शेरदिल' थे। खुराना जी एक दूरदर्शी नेता थे उनके कुशल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में 1993 से 1996 तक सरकार चलायी।
आज उनके जन्म दिवस पर उनकी स्मृतियाँ मेरे दिल में हैं। खुराना जी के व्यक्तित्व और उनकी राजनीतिक कुशलता मुझे ऊर्जा देती थी।उन्ही के दिखाए हुए मार्ग में चल कर मैं इतने वर्षों से जनता कि सेवा कर रहा हूँ।मदनलाल खुराना उस समय दिल्ली के युवाओं के लिए एक आइकॉन थे।
जब मैं छात्र राजनीति कर रहा था तो एक बार श्यामलाल कॉलेज के बाहर छात्र समस्याओं के लिए धरना दे रहा था उसी समय मदन लाल खुराना जी को वहाँ से जाते देखा।वह उस समय "न्याय यात्रा" नाम से आंदोलन कर रहे थे।मैंने उनके राजनीतिक कद को देखा,उनके विचारों को सुना और समझा।मैं उनके जुझारूपन से बहुत प्रभावित हुआ।
मुझे आज भी याद है जब वो मुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार विदेश यात्रा से दिल्ली लौटे थे तो मैंने देखा और सुना कि वो दिल्ली सरकार के बड़े अधिकारीयों को बता रहे थे कि दिल्ली की सड़कों की जगह बीच मे सेंट्रल वर्ज ट्राम चलेगीं। खुराना जी का यह सपना धीरे-धीरे मेट्रो रेल के रूप में साकार हुआ और दिल्ली दौड़ने लगी। दिल्ली में आज चारो तरफ मेट्रो कनेक्टिविटी उपलब्ध है लेकिन उसकी नीव रखने वाले मदनलाल खुराना जी ही थे।
उनके बाद से दिल्ली के किसी भी मुख्यमंत्री ने चाहे वो किसी भी पार्टी से रहे हों पर दिल्ली के विकास के लिए, दिल्ली के परिवहन को और सुदृढ़ बनाने के लिए इतने बड़े पैमाने पर कार्य नहीं किया।
मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका जुझारूपन ही था जिसके कारण दिल्ली,हरियाणा और पंजाब के बीच मे पानी का स्पष्ट बंटवारा हो पाया।मुझे आज भी याद है जब खुराना जी ने ऐलान किया कि अगर दिल्ली की जनता को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला तो प्रधानमंत्री आवास और राष्ट्रपति भवन का पानी ही क्यों न बन्द करना पड़े,किया जाएगा परन्तु जनता को प्यासा नहीं रहने दिया जाएगा।
ऐसे थे हमारे मुख़्यमंत्री श्री मदनलाल खुराना जी।उनके जन्मदिन पर उन्हें नमन करता हूँ।
(लेखक बीजेपी दिल्ली के सक्रिए सदस्य हैं)