ई-लर्निंग है जरूरी, ताकि सीखने का सिलसिला रहे जारी

724

लॉकडाउन के दौरान स्कूल-कॉलेज बंद हैं, ऐसे में पढ़ने और सीखने का तरीका बदला है। ई-लर्निंग या ऑनलाइन क्लासेज इस बदलाव का ही एक रूप है तो आइए हम ई-लर्निंग के विविध पहलुओं पर चर्चा करते हैं।

कोविड-19 महामारी, जिसके प्रभाव से पूरा विश्व जूझ रहा है, उसने केवल चिकित्सा क्षेत्र ही नहीं बल्कि हर व्यापारिक एवं सामाजिक गतिविधियों पर भी प्रभाव डाला है। जब कोरोना वायरस के चलते लोगों का एक निर्धारित दूरी बनाये रखना आवश्यक हो गया, तब 24 मार्च ,2020 को भारत सरकार ने लॉकडाउन का आदेश दिया। लॉकडाउन के निर्णय के कारण सभी शैक्षिक संस्थान भी बंद कर दिए गए। शिक्षा क्षेत्र की इस रूकावट को पार करने के लिए सभी शैक्षिक संस्थानों ने शिक्षा को डिजितलाइस कर दिया और फ़ोन व कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई जारी रखी। ज़ूम, हैंगआउट, मीट, अन्य ऐप्स और वेबसाइट के द्वारा छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। यदि डिजिटल माध्यम का उपयोग न किया जाता तो इस वर्ष की शैक्षिक प्रक्रियाएं रद्द हो सकती थी और फिर अगले वर्ष बच्चों, अध्यापकों, शैक्षिक संस्थानों, व शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को भारी कठिनाइयां उठानी पड़ती। 

ई-लर्निंग की प्रक्रिया सामान्य शिक्षा के तौर-तरीकों से बिलकुल अलग है। किसी भी नए प्रयोग में चुनौतियों तो आती ही हैं। शिक्षा के इस डिजिटल प्रयोग में जहां पढ़ाई किताबों से निकल कर मोबाइल व कंप्यूटर स्क्रीन पर आ गयी है वहीं कई चुनौतियां और कठिनाइयां भी हैं  । टेलिकॉम विभाग के अनुसार लॉकडाउन के पहले चरण में ही इंटरनेट का प्रयोग 9 फीसदी बढ़ गया था और जैसे-जैसे लॉकडाउन के चरण बढ़े वैसे-वैसे इंटरनेट का प्रयोग भी बढ़ा। इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल से सर्वर्स व वेबसाइट्स पर दबाव भी बढ़ा है। सर्वर्स पर इतने दबाव के कारण नेटवर्क की समस्याएं आती हैं जिससे ऑनलाइन क्लासेज में बाधा उत्पन्न होती है। ई-लर्निंग में जो सबसे बड़ी बाधा है वो यह कि उसमें कक्षा का वातावरण और वार्तालाप की कमी रहती है। घर के माहौल में चाहे एकांत ही क्यों न हो पढने व समझने के लिए हमेशा क्लासरूम जैसे वातावरण की जरूरत होती है।

नए वातावरण में शिक्षक व छात्र -छात्राओं को नए माहौल में ढलना और पढ़ाई करना आसान नहीं है। कक्षा का वातावरण अगर अच्छा ना हो तो पढ़ना दुश्वार हो जाता है, ऐसे में यदि कक्षा का वातावरण ही न मिले तो पढ़ना और भी कठिन हो जाता है। एक छात्र अन्य छात्रों से भी बहुत कुछ सीखता है, परन्तु ऑनलाइन क्लासेज़ के दौरान यह संभव नहीं हो पाता। फ़ोन और कंप्यूटर के आगे कई घंटे बैठने और पढ़ने से मानसिक थकान होती है और आंखों पर भी प्रभाव बुरा असर पड़ता है। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से ई-लर्निंग मंहगी साबित होती दिख रही है। लॉकडाउन का यह समय, जब सभी घर में कैद महसूस कर रहे हैं, मानसिक रोगों को निमंत्रण देने के लिए उपयुक्त है।

ऐसे समय में पढ़ने के लिए अपने दिमाग और आंखों को फ़ोन की हानिकारक किरणों के आगे घंटों तक रखना एक बड़ी समस्या बनता प्रतीत हो रहा है। तकनीकी विकास के चलते यह ई-लर्निंग संभव हो पाई है, मगर यह कुछ कक्षाओं जैसे नर्सरी, किंडरगार्टन, इत्यादि तक नहीं पहुच पाई, क्योंकि बच्चे तैयार और समर्थ नहीं है की डिसटेंट लर्निंग का लाभ उठा सके। ई-लर्निंग में विचारों का एक तरफ़ा संचार ही दिखाई देता है, जबकि विचारों के संचार व अच्छे वार्तालाप हेतु विचारों का दो तरफ़ा संचार ज़रूरी है। 

जहां ई-लर्निंग के आगे इतनी चुनौतियां खड़ी हैं, वहीं इन चुनौतियों से उभरने के लिए कई सुझाव दिए जा रहे है और कुछ उपाय हैं जो कारगर साबित हुए हैं। छात्रों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए पढाई को मनोरंजक बनाया जा सकता है। वीडियोस, एनीमेशन, इत्यादि द्वारा छात्रों का मनन पढाई में भी लगेगा और ई-लर्निंग एक तनाव या बोझ के रूप में नज़र नहीं आएगी। मोबाइल फ़ोन की हानिकारक किरणों के प्रभाव को कम करने के लिए क्लास ज्यादा लम्बी न चलाई जाए, 30 मिनट के लेक्चर पर्याप्त हैं।

ई-लर्निंग की ओर विद्यार्थियों में प्रेरणा की जो कमी दिखाई देती है उसके लिए शिक्षकगण को छात्रों को अपने विचार रखने के लिए एक मंच देना चाहिए जहां छात्र पहल करें और किसी भी माध्यम जैसे कविता, चित्रकारी, आदि से अपने विचार प्रकट करें। नकल करना और अपनी शिक्षा और शिक्षकों से धोखा करना ऑनलाइन परीक्षाओं में एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। सभी एप्स व वेबसाईटस नकल से बचने के अलग-अलग उपाय ला रहे हैं और इस क्षेत्र में समय के साथ सुधार आता जा रहा है। 

तकनीकी विकास ई-लर्निंग को समय के साथ और बेहतर बनाएगा और हर चुनौती का समाधान देगा। शिक्षा प्रदान करना ज़रूरी है और ई-लर्निंग के माध्यम से महामारी के समय में शिक्षा दे पाना आसान ही हुआ है, क्योंकि जो कभी केवल सोच तक ही सीमित था आज विज्ञान ने उसे कर दिखाया है।

 

Add comment


Security code
Refresh