लॉकडाउन में शनि जंयती पर करें शनि देव को प्रसन्न, मिलेगी राहत

520

कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में रहने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में शनि जयंती के दिन आप घर में शनि देवता की विधिपूर्वक उपासना करें, इससे आपको मानसिक राहत मिलेगी और आपको सभी काम बनेंगे। तो आइए आपको शनि जयंती के अवसर पर शनि देव की उपासना तथा पूजा के महत्व के बारे में बताते हैं।

न्याय के देवता है शनि देव

भारतीय मान्यता के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव को भगवान सूर्य तथा उनकी पत्‍नी छाया की संतान माना जाता है। नव ग्रहों में से शनि देव को सबसे क्रूर माना जाता है। लेकिन शनि देवता क्रूर होने के साथ ही न्‍याय और कर्मों के देवता माने जाते हैं। अगर आप किसी का बुरा नहीं सोचते और किसी पर भी अत्याचार नहीं करते तो शनि देव आपका कभी बुरा नहीं करेंगे। ऐसे में आप शनि भगवान से बिल्कुल नहीं घबराएं। शनि देवता अच्छे लोगों के साथ कभी बुरा नहीं करते हैं।

लॉकडाउन के कारण शनि मंदिरों में नहीं होंगे भंडारे

कोरोना संकट के दौरान बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश भर में शनि जयंती के दिन शनि मंदिरों में भंडारे का आयोजन नहीं किया जाएगा। सामान्य दिनों में शनि जयंती के दिन विभिन्न प्रकार के शनि मंदिरों में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है। 

शनि जयंती के दिन घर में ऐसे करें पूजा

वैसे तो शनि जयंती के दिन देश भर के विभिन्न शनि मंदिरों में भव्य पूजा-अर्चना की जाती है लेकिन इस बार कोरोना संकट से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है ऐसे में सभी प्रकार के धार्मिक संस्थानों को भी बंद रखा गया है। इस हालत में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन घर में ही विशेष प्रकार की अर्चना करें।

शनि जयंती के दिन प्रातः काल जल्दी उठें और इस पर्व पर पुण्य कमाने के लिए सबसे पहले स्नान करके एक लकड़ी के पाट पर काला कपड़ा बिछाकर उस पर शनिजी की प्रतिमा या फोटो या एक सुपारी रखें। उसके बाद प्रतिमा के दोनों ओर शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। उसके बाद शनि देवता को दुग्ध, जल, पंचामृत, घी, इत्र से स्नान कराकर उनको इमरती, तेल में तली वस्तुओं का भोग लगाएं। भोग लगाने से उन पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम और काजल लगाकर नीले या काले फूल चढाएं। साथ ही कोई भी मौसमी फल अर्पित कर सकते हैं।

इसके अलावा भक्त शनि जयंती के दिन उपवास भी रखते हैं।  इस दिन दान-पुण्य का खास महत्व होता है, इसलिए लॉकडाउन के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाना खिला सकते हैं। साथ ही आपके गली- मुहल्ले में घूमने वाले जानवरों को भी कुछ भोजन दें, आपको पुण्य मिलेगा। शनि जयंती के दिन यंत्र की स्थापना करें। अगर घर में कोई बीमार हो तो शनि देवता की पूजा कराएं और ओम शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।

 

शनि पूजा से मिलते हैं ये लाभ

शनि देव की उपासना से कामों में आ रही रूकावट दूर हो जाती है तथा प्रमोशन के अवसर भी मिलते हैं।

 

अगर कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल हों तो व्यक्ति पर साढ़ेसाती, ढैया और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का असर खत्म हो सकता है।

शनि देवता की उपासना से दांपत्य सम्बन्धों में आने वाली मुश्किलें कम होने लगती है।

एक्सीडेंट तथा बीमारियों से ग्रस्त लोगों को शनि देवता की उपासना से राहत मिलती है।

शनि देव की पूजा से कोर्ट-कचहरी तथा पुलिस से सम्बन्धित मामलों से छुटकारा मिलता है।

 

शनि जयंती का महत्व

हिन्दू धर्म में मौजूद नव ग्रह में से शनि देवता का खास महत्व है। शनि देव की पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि देवता को कर्मफल दाता माना जाता है। शनि देव न्यायप्रिय हैं तथा वह अपनी न्यायप्रियता के कारण भी भक्तों के बीच जाने जाते हैं। शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्त सभी प्रकार के अशुभ प्रभाव से दूर रहते हैं।

      

शनि जयंती पर इन कामों से बचें

 

शनि जयंती के दिन तांबे के बर्तन का दान करने से बचें, इससे बिजनेस में घाटा होता है।

चांदी के आभूषण खरीद कर किसी को उपहार न दें इससे कर्ज बढ़ता है।

सफेद मोती खरीद कर उपहार न दें, दुर्घटना की होती है सम्भावना।

शनि जंयती के दिन सफेद कपड़े खरीद को किसी को गिफ्ट न दें इससे परिवार में कलह बढ़ता है।

साथ ही ध्यान रखें कि किसी को परफ्यूम गिफ्ट न दें इससे रोग ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

इसके अलावा शनि जयंती के दिन किसी दूसरे के जूते-चप्पल इस्तेमाल न करें।

शनि जयंती का दिन बहुत खास होता है इसलिए इस दिन किसी को भी झूठ बोलकर परेशान न करें।

Add comment


Security code
Refresh