बिहार के पूर्व उपमख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं, जिससे एनडीए के सहयोगी नाराज चल रहे हैं. रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के बाद बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की जदयू के बीच लोकसभा की बराबर सीटों पर हुए समझौते को लेकर भी तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा-यह इसलिए है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह बहुत अहंकारी हैं.
वे अपने सहयोगियों को सम्मान नहीं देते हैं. यदि आप देखेंगे, तो देश भर में बीजेपी के सहयोगी दलों की ओर से असंतोष के स्वर उभर रहे हैं और वे बीजेपी को छोड़ने की चेतावनी दे रहे हैं. तेजस्वी यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि महागठबंधन सिर्फ देश के लिए चिंतित है न कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा, इसके लिए. उन्होंने कहा- किसी ने प्रधानमंत्री बनने का दावा नहीं किया है, महागठबंधन सिर्फ देश में किसानों के आत्महत्या करने, महिलाओं के लिए असुरक्षित माहौल, युवाओं के सामने बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर चिंतित है और इसी पर चर्चा चल रही है.
केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी जैसा माहौल है. तेजस्वी ने NDTV को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात कही. तेजस्वी ने इस दौरान नीतीश कुमार और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो वादे प्रधानमंत्री के द्वारा किए गए थे, एक भी पूरे नहीं किए गए. केंद्र सरकार ने जितनी भी योजनाओं की शुरुआत की, चाहे गंगा सफाई अभियान हो, या मेक इंडिया हो एक भी योजना सफल नहीं रही. आज जो सबसे ज्यादा चिंता की बात है वह संविधान बचाने की.
हम लोगों का प्रयास है कि देश तभी बचेगा जब हमारा संविधान बचेगा. तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार, मोदी जी और नीतीश जी सब मिलकर नागपुरिया कानून को लागू करना चाहते हैं. ये सभी बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान की जगह आरएसएस का एजेंडा लागू करना चाहते हैं. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के सहयोगी दल धीरे-धीरे NDA से अलग हो रहे हैं. देश भर में हर जगहों से उनके सहयोगी दल उन्हें छोड़ने का काम कर रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण बीजेपी का तानाशाही रवैया है. तेजस्वी ने कहा कि अब देश की जनता संघ मुक्त भारत बनाने का काम करेगी, जो मेरे चाचा कहा करते थे, लेकिन चाचा तो अब उल्टा काम कर रहे हैं.
तेजस्वी ने बिहार में सीटों के बंटवारे पर कहा, नीतीश कुमार जिन्होंने 2 सीटें जीती थी, उन्हें 17 सीटें मिलीं और जिसके पास 22 सीटें मिलीं थी उन्हें भी 17 सीटें मिली हैं. यानि बीजेपी अपनी हैसियत समझ चुकी है कि बिहार में उसके क्या हालात हैं. नीतीश जी को जितनी सीटें दी गईं हैं वह महागठबंधन को गिफ्ट के रूप में मिल गई है. नीतीश कुमार का खाता नहीं खुलने जा रहा है. नीतीश जी नालांदा का सीट भी हारेंगे.
तेजस्वी ने कहा कि लालू जी को जबरदस्ती फंसाया गया है, जिसका भांडा सीबीआई के आलोक वर्मा जी ने फोड़ दिया है. तेजस्वी ने कहा कि लालू जी एक व्यक्ति नहीं एक विचारधारा का नाम है. हम उसी पर चल रहे हैं. बिहार की जनता मानती है कि जो गरीबों का नेता है. जो पिछड़ों का नेता है, अल्पसंख्यकों का नेता उसे फंसाया गया है. जनता आने वाले चुनाव में इसका फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि हम भी अगर बीजेपी में चले जाते तो हम भी हरिशचंद्र बन जाते. अगर सच बोलियेगा तो आप भ्रष्टाचारी बन जाओगे.