राज्यसभा में शोर और संख्याबल की चुनौती, सरकार कैसे पास कराएगी तीन तलाक बिल

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शीतकालीन सत्र के 10वें दिन गुरुवार को लोकसभा से तीन तलाक बिल को मंजूरी मिल गई लेकिन यह विधेयक अभी राज्यसभा में पारित होना बाकी है. लोकसभा में सत्ताधारी बीजेपी के पास बहुमत है लिहाजा बिल पर हुई वोटिंग के दौरान इसके समर्थन में 245 वोट पड़े जबकि 11 सदस्यों ने इस विधेयक का विरोध किया. लोकसभा में कामकाज थोड़ा ही सही लेकिन हो रहा है जबकि राज्यसभा में हंगामे की वजह से कोई भी सरकारी बिल अब तक पारित नहीं हुआ है. यहां तक कि 11 दिन की कार्यवाही में राज्यसभा के भीतर कई बार तो प्रश्न काल तक नहीं हो सका है और सदन की कार्यवाही हंगामे की वजह से 10 मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ी है.

यह शीतकालीन सत्र काफी अहम है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार के लिए यह आखिरी पूर्ण सत्र है. ऐसे में लोकसभा से पारित होने के बाद सरकार की कोशिश है कि इस सत्र में तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पारित कराया जाए. लेकिन उच्च सदन के हालात और सरकार के आंकड़े इस काम में बाधा बन सकते हैं. पिछले साल भी तीन तलाक बिल लोकसभा से पारित हो गया था और फिर राज्यसभा ने बिल में कुछ संशोधन की मांग के साथ इसे वापस कर दिया था. सरकार इसके लिए अध्यादेश भी लेकर आई थी.

अब राज्यसभा के ठप पड़े कामकाज की वजह से मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं. शुक्रवार को भी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, तमिलनाडु में कावेरी बांध के निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों ने राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को शुरू होने के 10 मिनट बाद ही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. सभापति वेंकैया नायडू की अपील के बावजूद रोजाना उच्च सदन के सांसद अपनी-अपनी मांगों को लेकर सदन की वेल में आकर नारेबाजी करते हैं.संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही के लिए अब मुश्किल से सिर्फ सात दिन रह गए हैं.

तीन तलाक सहित अन्य विधेयक पारित होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों से निवेदन है कि सदन चलने दें. राफेल सहित कई मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं. अपील के बाद भी हंगामा नहीं थमने पर सभापति ने कहा कि अब हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त आ गया है.

 उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, आसन चर्चा कराने के लिए तैयार है, जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है, फिर आप लोग क्यों नहीं तैयार हैं.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही के लिए अब मुश्किल से सिर्फ सात दिन रह गए हैं. तीन तलाक सहित अन्य विधेयक पारित होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों से निवेदन है कि सदन चलने दें. राफेल सहित कई मुद्दे चर्चा के लिए लंबित हैं. अपील के बाद भी हंगामा नहीं थमने पर सभापति ने कहा कि अब हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का वक्त आ गया है. उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, आसन चर्चा कराने के लिए तैयार है, जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है, फिर आप लोग क्यों नहीं तैयार हैं.