समाजवादी पार्टी के संस्थापक और वर्तमान में पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह ने अपने 79 वे जन्मदिन के मौके पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बड़ी खरी-खोटी सुनाई.
मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि समाजवादी पार्टी के युवाओं शर्म करो. इस बार विधानसभा चुनाव में मात्र 47 सीट आई है. इतना बुरा हाल पार्टी का अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के बाद भी नहीं हुआ.
मुसलमानों पर बोलते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को ही वोट किया है. जिन मुसलमानों ने वोट दिया है? उनमें से 90 प्रतिशत वोट समाजवादी पार्टी को ही दिया.
मुलायम सिंह ने अपनी पार्टी को आज भी मुसलमानों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए कहा कि अगर वह अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता. क्योंकि उस दौर में कई मुसलमान नौजवानों ने हथियार उठा लिये थे. इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष और मुलायम सिंह के बड़े बेटे अखिलेश यादव भी मौजूद थे.
मुलायम सिंह ने अपने पार्टी के नेताओं पर ही निशाना साधते हुए कहा कि कई नेता तो ऐसे बैठें है? जो पार्टी को अपने गाँव के बूथ पर नहीं जीता सकें. तब भी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनको सम्मानजनक पद दे दिया है.
मुलायम सिंह के चहरे पर पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिली हार का दर्द साफ नजर आया. उन्होनें कहा कि हम खुलकर बोल रहे है कि हम पार्टी को कमजोर नहीं देखना चाहते. मैने अकेले यह पार्टी बनाई थी.
अयोध्या के मुद्दे पर बोलते हुए मुलायम सिंह ने कहा 1990 में अपने मुख्यमंत्री काल में देश की एकता के लिये कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उसमें 28 लोग मारे गये. अगर और मारने होते तो हमारे सुरक्षाबल और मारते. ऐसा कहा मुलायम सिंह ने/
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज हम आपको गोपनीय बात बता रहे हैं. अगर हमने उस समय मस्जिद नहीं बचाते तो, उस समय के कई मुस्लिम नौजवानों ने हथियार उठा लिए होते.
आप को बता दे कि लम्बें दौर के बाद मुलायम सिंह ने अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया. लेकिन मंच पर मुलायम सिंह के साथ उनके छोटे भाई शिवपाल यादव नजर नहीं आये. जबकि शिवपाल के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री और गत विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बसपा में शामिल हुए नारद राय मंच पर नजर आये.