पूरा देश आज बाल दिवस मना रहा है. आपको बता दे कि बाल दिवस हम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की जयंती पर मानते है. लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी देश में बड़ा सवाल है कि क्या बच्चे सही दिशा में जा रहे हैं.
क्या बच्चे अपना बचपना जी पा रहे हैं. क्या बच्चे देश में सुरक्षित हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 290 बच्चें गंभीर अपराध का शिकार होते है. नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के मुताबिक देश में हर रोज 290 बच्चे ट्रैफिकिंग, जबरन मजदूरी, बाल विवाह, यौन शोषण जैसे अपराधों के शिकार होते हैं.
देश में 12 साल की उम्र से कम वाले बच्चों के साथ मर्डर, किडनैपिंग जैसी घटनाएं काफी अधिक मात्रा में होती हैं. 2014 में बच्चों के साथ हुए अपराध के कुल 89,423 मामले दर्ज हुए थे. 2015 में ये अकड़ा 94,172 तक पहुंच गया. और 2016 में इस आंकड़े ने 1 लाख का नंबर भी पार कर लिया.
इनमें भी POCSO कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या 8904 से बढ़कर 35980 तक पहुंची है. दिल्ली पुलिस के क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार हर हफ्ते में करीब दो बच्चों के साथ यौन शोषण होने के मामले दर्ज होते हैं. 31 अक्टूबर तक सिर्फ राजधानी में ही 73 केस POCSO कानून के तहत दर्ज किए जा चुके हैं.
बच्चों के खिलाफ बढ़ रही यौन शोषण की घटनाओं पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का कहना है कि ये दुखद है लेकिन सच है. हम लोग पिछले 8 दिनों से सत्याग्रह कर रहे हैं.
मालीवाल ने कहा, “हमारी केंद्र और राज्य सरकारों से अपील है कि वह 6 महीने के अंदर ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाएं और मौत की सजा का प्रावधान तैयार करें”.