एनजीटी ने दी ऑड-ईवन को मंजूरी, लेकिन शर्तो ने केजरीवाल सरकार को डाला पेशोपेष में

981

 

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से प्रस्तावित वाहनों के ऑड-इवन फॉर्मूले को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में इजाजत दे दी है. हालांकि एनजीटी ने इसके साथ ही कुछ शर्ते भी लगाई हैं.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा आप ऑड-इवन फॉर्मूला को लागू करे? लेकिन इसमें किसी सरकारी अधिकारियों, महिलाओं और दो पहिया वाहनों को छुट नहीं मिलनी चाहिए.

हलाकि, सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं को ऑड-इवन फार्मूला से छूट रहेगी. एनजीटी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शहर में जब भी PM10 का स्तर 500  और PM2.5  का स्तर 300  के पार हो तो दिल्ली में ऑड-इवन फार्मूला लागू होना चाहिए.

एनजीटी ने निर्माण कार्य पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि निर्माण कार्य पर रोक के बाद भी एनएचएआई अक्षरधाम पर निर्माण कार्य कर रहा है. वहीं एम्स के सामने किदवई नगर में एनबीसीसी  का काम चल रहा है.

इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए एनएचएआई और एनबीसीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा कि कोर्ट का आदेश न मानने के कारण आपको जेल न भेजा जाए.

एनजीटी ने इस संबंध में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगली सुनवाई तक वहां कोई निर्माण कार्य न हो. इसके साथ उन्हें कूड़े और परानी न जलाने को लेकर कार्यवाहीं रिपोर्ट मांगा है. कोर्ट ने साथ ही कहा कि किसी भी लैंडफिल साइट में आग न लगाई जाए. अगर ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ़ कार्रवाई होगी.