कुवैत और पाकिस्तान ने बनाया दिल्ली को गैस चेम्बर

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आपको बता दे कि इन दिनों दिल्ली और एनसीआर पर प्रदुषण की धुंध चढ़ी हुई है. लगभग एक सप्ताह बीत चुका है. लेकिन अभी भी कोहरा बरकरार छाया हुआ है. दिल्ली के कई इलाकें तो ऐसे है? जहाँ पर प्रदुषण मापा गया? तो वहाँ का प्रदुषण इतना निकला जितना मशीन की आखरी संख्या थी.

ऐसे ही दिल्ली के आर के पुरम में वायु के गुणवत्ता मापी गई? तो परिणाम चौकाने वाले आये. वहां की वायु की गुणवत्ता 999 AQI आई. हैरान करने वाली तो यह बात थी कि इससे ज्यादा मशीन में रीडिंग ही नहीं थी.

आपको बता दे कि न्यूनतम 10 से लेकर 50 AQI तक होना चाहियें. लेकिन पुरे दिल्ली में कोई भी इलाका ऐसा नहीं है. जहां वायु की गुणवत्ता न्यूनतम हो. अब आप अंदाजा लगा सकतें है कि यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है.

दिल्ली के आसमान पर छाई ज़हरीली धुंध  के चलते पड़ोसी राज्यों के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार की जो जंग  जारी है.  उसकी जड़ में हरियाणा और पंजाब के किसानों द्धारा जलाई जाने वाली पराली है. 

लेकिन विज्ञानिकों का कहना है कि यह मुसीबत आसपास से नहीं, बहुत दूर से आई है. यानि प्रदुषण की यह मुसीबत कुवैत, सऊदी अरब और ईरान जैसे बंजर देशों से आई है. 

जानिए इन देशों से प्रदुषण की धुंध कैसे आई.....

साल के इसी वक्त में वायुमण्डल की ऊपरी परतों में मौजूद भारी हवा मध्य-पूर्व के बंजर मुल्कों से हिन्दुस्तान की तरफ बहती है.  और उत्तर भारत की ओर आती हुई धूल-भरी ये हवाएं ठंडे पाकिस्तान को भी पार करती हैं. जहां से ये जलकणों को कोहरे के रूप में खुद में समेट लाती हैं.  और फिर पंजाब में जलते हुए खेतों से वे धुआं जुटाती हैं.

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इसके बाद धूल,  पानी और धुएं की वजह से बेहद भारी हो चुकी होती है. ये हवाएं दिल्ली और आसपास के इलाकों के ऊपर छा जाती हैं. और एक 'ज़हरीला आसमान' बना डालती हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA द्धारा ली गई तस्वीर से हालात साफ-साफ नज़र आते हैं? की क्या हालात है. प्रदुषण से युक्त ये हवाएं तब तक गायब नहीं होंगी? जब तक की दिन के तापमान में खासी बढ़ोतरी दर्ज नहीं की जाएगी.

गुरुवार को सेंट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने 500  के स्केल वाले एयर क्वालिटी इन्डेक्स, यानी AQI  को 486 पर रिकॉर्ड किया. मंगलवार को औसत AQI 451  रहा था. और बुधवार को यह 478  दर्ज किया गया था.

सेंट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की टास्क फोर्स हालात को काबू करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करने की खातिर बुलाई गई बैठक इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि प्रदूषण का स्तर शनिवार को नीचे आ जाएगा, यानी मौजूदा 'एमरजेंसी'  की स्थिति से कुछ नीचे.

दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने भी सोमवार से ऑड-ईवन योजना को फिर लागू करने की घोषणा कर दी है. और उनका दावा है कि इस कदम से वाहनों से होने वाला प्रदूषण आधा रह जाएगा. 

योजना के तहत जिन कारों के रजिस्ट्रेशन नंबर का आखिरी अंक विषम है?  वे विषम तारीखों पर चल पाएंगी?  और सम अंक वाली कारें सम तारीखों वाले दिन सड़कों पर चल पाएंगी. वैसे इस निर्णय को हरित न्यायालय के सामने चैलेंज किया गया है.