अमेरिका ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए भारत छोड़े वीटो की मांग लेकिन बिना वीटो के सदस्यता का क्या मतलब

944

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर अमेरिका का बड़ा बयान आया है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हैली ने कहा है कि यदि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता चाहता है? तो उसे वीटो पर अपनी रट छोड़नी होगीं.

साथ ही साथ निक्की हैली ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो बड़े देश रूस और चीन नहीं चाहते की सुरक्षा परिषद के मौजूदा ढांचे में कोई बड़ा बदलाव हो.

निक्की हैली ने अमेरिका भारत मैत्री परिषद द्धारा आयोजित एक समारोह में कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह सुधार वीटो से कहीं अधिक बड़ी चीज है.

आप को बता दे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचो स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार है. यह पांच देश अमेरका, ब्रिटेन, फ़्रांस, चीन और रूस है. और इनमें से कोई भी इसे छोड़ना नहीं चाहता है. इसलिए सुरक्षा परिषद में भारत को शामिल करने की कुंजी इस बात में है कि वह वीटो का राग अलापना बंद करे.

निक्की हैली से जब भारत की स्थायी सदस्यता के संबंध में अमेरिका के रुख को लेकर सवाल किया? तो उन्होनें सकारात्मक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा से ही सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए तैयार है. और हमेशा इस पर जवाब देता है.

आप को बता दे कि चीन हमेशा से ही संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर विरोध करता आ रहा है. हालांकि चीन इसका खुलकर विरोध नहीं करता है. दूसरी तरफ रूस भारत की सदस्यता को लेकर पहलें ही सहमति जता चुका है. 

संयुक्त राष्ट्र में भारत की सदस्यता को लेकर फ्रांस और ब्रिटेन जैसे बड़े देश भी सहमति जता चुकें है. अमेरिका की राजदूत ने रूस को लेकर नजर रखने की बात कही है लेकिन रूस पहले ही इस पर सार्वजनिक  तौर पर सहमति जता चुका है.