अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से, शिवपाल यादव को दिखाया बाहर का रास्ता

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समाजवादी पार्टी के दो हिस्से होने के बाद 1 जनवरी को रामगोपाल ने राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था. राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.

सोमवार को समाजवादी पार्टी ने 55  सदस्य वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की गई. जिसमें शिवपाल का नाम नहीं है. और वहीं रामगोपाल यादव को चीफ जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है.

चीफ जनरल सेक्रेटरी रामगोपाल के अलावा 9  लोगों को जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) की जिम्मेदारी दी गई. इनमें आजम खां, बलराम यादव, सुरेन्द्र नागर, नरेश अग्रवाल, रवि प्रकाश वर्मा, विशंभर प्रसाद, अवधेश प्रसाद समेत अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं.

वहीं  मुलायम सिंह के करीबी माने जानें वाले संजय सेठ को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. कार्यकारिणी में 37 मेंबर हैं  जबकि अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन समेत 6  विशेष आमंत्रित मेंबर हैं.

संरक्षक के तौर पर मुलायम का नाम लिस्ट में शामिल नहीं करने पर पार्टी स्पोक्सपर्सन राजेंद्र चौधरी ने कहा, मुझे इस तरह की किसी पोस्ट की जानकारी नहीं है. हमारी पार्टी के संविधान में ऐसी कोई पोस्ट है भी नहीं. मुझे नहीं पता कि वो मुलायम संरक्षक हैं या नहीं.

बता दें कि सपा में दो फाड़ होने के बाद 1 जनवरी को रामगोपाल यादव ने राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था. इसमें अखिलेश को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष  घोषित किया गया था. वहीं  मुलायम सिंह को संरक्षक बनाया गया. 1992 को पार्टी बनने के बाद से ही मुलायम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.

इस अधिवेशन से पहले झगड़े की जड़ माने जा रहे राष्ट्रीय महासचिव  अमर सिंह  को पार्टी से निकाल दिया गया था. जबकि शिवपाल को समाजवादी पार्टी  के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था.

5 अक्टूबर को आगरा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद अखिलेश 7  तारीख को वो पिता से आशीर्वाद लेने गए थे. दोनों के बीच आधे घंटे बातचीत हुई. अधिवेशन से पहले भी दोनों की मीटिंग हुई थी. अब देखना है कि समाजवादी पार्टी का यह झगड़ा खत्म होता है या नहीं