जगमगाते दीयों से रोशन दिवाली खुशियों की सौगत आ गयी है, दिवाली पर लक्ष्मी पूजन से आप न केवल समृद्ध होंगे बल्कि सुख-शांति भी बनी रहेगी।
जाने दिवाली के बारे में
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दीवानी मनायी जाती है। इस साल दिवाली 4 नवंबर 2021 को पड़ रही है। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजन का खास महत्व होता है। देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त बहुत पहले से इसकी तैयारी करने लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात में लक्ष्मी माता धरती पर आती हैं। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा हमेशा स्थिर लग्न में होती है। ज्योतिष में वृष और सिंह लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा स्थिर लग्न में करने से घर में उनका स्थायी निवास बन जाता है। इसलिए स्थिर लग्न और प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का खास महत्व है।
दिवाली की पूजा
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी माता का जन्मदिन भी मनाया जाता है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि दिवाली के दिन ही माता लक्ष्मी का भगवान विष्णु से विवाह हुआ था। इसके अलावा दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के अलावा श्री गणेश मां सरस्वती की भी पूजा होती है। दिवाली के दिन विधिवत पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है तथा घर में समृद्धि आती है।
दिवाली पूजा का सामान
दिवाली के दिन लक्ष्मी जी पूजा करने के लिए कुछ सामान जरूर खरीदें। इन सामानों में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लौंग, अगरबत्ती, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, और इत्र प्रमुख हैं। इसके अलावा इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो), खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन और चांदी का सिक्का भी खरीदें। साथ ही अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते), तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ भी पूजी में जरूर रखें।
पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली का पर्व विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के पहले दिन अमावस्या को मनाया जाता है। लक्ष्मी पूजा भी दिवाली उत्सव का एक हिस्सा होता है जो 4 नवंबर को होगी।दिवाली पूजा या लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक है यह समय दिल्ली –एनसीआर का है, अन्य स्थानों पर पूजा का समय पृथक-पृथक हो सकता है ।
कैसे करें लक्ष्मी पूजा
सबसे पहले मंदिर को साफ कर लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा रखें। उसके बाद लक्ष्मी जी को स्नान करा कर धूप, दीपक और नैवेद्य (मिष्ठान) चढ़ाएं। फिर उन्हें पानी से आचमन कराएं। इसके बाद ताम्बूल अर्पित करें और दक्षिणा भी दें। फिर ध्यान देकर मां लक्ष्मी की बाएं से दाएं प्रदक्षिणा कराएं। इसके बाद पूजा सम्पन्न होने पर अब मां लक्ष्मी को साष्टांग प्रणाम कर अनजाने में हुई गलतियों के माफी मांगें। इसके बाद अंत में मां लक्ष्मी की आरती उतारे।
दिवाली के दिन ऐसे करें लक्ष्मी जी को प्रसन्न
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाएं ताकि घर की सारी नकारात्मक दूर हो जाए। पूजा में पीली कौड़ियां रखें इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं लेकिन ध्यान रखें सभी चावल पूर्ण होने चाहिए। हल्दी की गांठ जरूरी रखें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें। इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं इससे शनि का दोष और कालसर्प दोष खत्म हो जाते हैं।