कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण एक चिंता का विषय है और न्यूज़ में दिखाए जाने वाले आंकड़े डरा देने के लिए काफ़ी हैं। कोविड-19 का इलाज ढूंढने में दुनिया के सभी वैज्ञानिक व डॉक्टर्स जुटे हुए हैं, पर अभी के लिए सावधानी ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है। हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी और आज इस कहावत का सिद्ध रूप हमारे सामने है।
लॉकडाउन के बाद बहुत से ऑफिस, शापिंग काम्प्लेक्स, मॉल्स और दुकानें खुल गयी हैं ऐसे में रोज बाहर जाने वालों के साथ मुश्किल यह है कि वह बढ़ते संक्रमण से खुद को कैसे बचाएं।
घर से बहार निकलते समय,इन बातों का अवश्य ध्यान रखें:
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दूसरों से 1 मीटर यानि कि 3 फ़ीट की दूरी बनाये रखें। यदि आपके आस-पास कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो यह दूरी बनाये रखने से वायरस के संक्रमण की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
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भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आवश्यक दूरी बनाना मुश्किल हो जाता है और ऐसी जगहों पर केवल वायरस को ही लाभ होगा।
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अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें। बाहर हमारे हाथ कई अनजान सतहों को छूते हैं और उन सतहों से वायरस हमारे हाथों पर आ सकता है। उन्हीं हाथों से यदि हम अपनी आखों, नाक या मुंह को छुएं तो वायरस आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है।
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बाहर जाते समय मास्क पहनना बहुत ज़रूरी है। मुंह और नाक के ज़रिये वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है, यदि हम सावधान रहें और इन अंगों को ढक कर रखें तो संक्रमण से बचा जा सकता है।
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घर लौटकर अपने हाथों हो अच्छी तरह एल्कोहोल युक्त सैनीटाइज़र या साबुन से धोएं। हाथों से कीटाणुओं और वायरस को मिटाना आवश्यक है। हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। यदि आप बाहर नहीं निकलते, तो भी अपने हाथों को हर घन्टे साबुन या सैनीटाइज़र से साफ़ करते रहें, क्योंकि सावधानी ही कोरोना वायरस से बचने का मूल उपाय है।
अपनी सेहत और तंदरुस्ती का ध्यान हमें स्वयं रखना है। स्वास्थ्य ही जीवन का मूल आधार है, और ऐसे समय में जब पूरा विश्व महामारी की चपेट में है, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और भी ज़रूरी हो गया है। अच्छी आदतें और सावधानी ही संक्रमण से बचने का राम-बाण उपाय हैं। यदि आप अच्छे स्वास्थ में न हों, खांसी, बुखार, या कोविड-19 के किसी भी लक्षण से जूझ रहे हों, तो ऐसे में बाहर कदम रखना अपने और दूसरों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है। घर पर रहकर ही कोरोना का सामना किया जा सकता है, तो बिना किसी ख़ास वजह या ज़रुरत के बाहर न निकलें।
खांसते या छींकते समय किसी रुमाल का या किसी कपड़े का प्रयोग अवश्य करें, रुमाल या कोई कपड़ा उपलब्ध न होने पर अपनी कोहनी या आस्तीन का प्रयोग करें। ऐसा करने से वायरस के एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक संक्रमित होने की सम्भावना कम हो जाएगी। घर में हों या बाहर, खांसते या छींकते समय इन बातों का ध्यान रखें। यह भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किये जाने वाले कारगर उपायों में से एक है।
बार-बार विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं सरकार द्वारा मास्क लगाने पर जोर दिया जा रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि मास्क केवल खुद को नहीं बल्कि दूसरों को भी बचाता है। अधिकतर कोरोना वायरस मुंह व नाक से निकलने वाली थूक या अन्य छोटी बूंदों से फैलता है, इसलिए मास्क संक्रमण रोकने का एक बड़ा हथियार है।मास्क का प्रयोग कोरोना के प्रति सावधानी का बड़ा हिस्सा है।
किसी भी सार्वजनिक परिवाहन में सफ़र करते समय सोशल डिसटेनसिंग के नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है। जून से कई शहरों में मेट्रो रेल पुनः शुरू होने की संभावनाएं हैं, ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है की अधिक सावधानी बरती जाए। ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा में सफ़र करते समय ध्यान रखें की दो से अधिक यात्री साथ न सफ़र कर रहे हों। वाहन चालक व यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है।सार्वजनिक परिवहनों में निर्धारित दूरी बनाये रखना कठिन कार्य है, इसलिए सबकी यह कोशिश होनी चाहिए की अपने निजी वाहनों का प्रयोग करें। गाड़ी में दो से अधिक व्यक्ति न हों और कोशिश करें कि दो-पहिया वाहनों पर अकेले सफ़र करें।
घर से बहार निकलते समय सावधानी बरतना और सोशल डिसटेनसिंग के नियमों का पालन करने से ही कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।गर्मी में मास्क व ग्लव्स पहनना मुश्किल है, पर यह मुश्किल कोरोना की विकराल समस्या के आगे बहुत छोटी है। बाहर निकलते समय इन बातों का ध्यान रखें और कोरोना से बचकर रहें, क्योंकि बचाव ही इस बीमारी का इलाज है।